भोपाल। मप्र मानव अधिकार आयोग (Human Rights Commission) ने प्रदेश के विभिन्न सरकारी स्कूलों में चल रही बदइंतजामी पर संज्ञान लिया है। इस मामले में आयोग के कार्यवाहक अध्यक्ष मनोहर ममतानी (President Manohar Mamtani) ने विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों से समय सीमा के अंदर जवाब तलब किया है।
बच्चों को परोस दी बदबूदार कढ़ी, कई बीमार
मानव अधिकार आयोग ने भोपाल जिले (Bhopal district) के बैरसिया ब्लॉक के एक सरकारी स्कूल में मासूमों को बदबूदार कढ़ी खिलाने से आधा दर्जन से ज्यादा बच्चों के बीमार हो जाने की घटना पर संज्ञान लिया है। इस घटना में एक छात्रा की हालत गंभीर बतायी जा रही है। घटना के बाद जिला शिक्षा अधिकारी ने शाला प्रभारी को निलंबित कर दिया है। मामले में आयोग ने कलेक्टर एवं जिला शिक्षा अधिकारी, भोपाल से प्रकरण की जांच कराकर तीन सप्ताह में जवाब मांगा है।
बनने के बाद ही टूट गए पेयजल यूनिट
मप्र मानव अधिकार आयोग ने रायसेन जिले के गैरतगंज विकासखंड के सरकारी स्कूलों में छात्र-छात्राओं की सुविधा के लिए बनाये गये पेयजल यूनिटों का गुणवत्ताहीन निर्माण होने संबंधी एक मीडिया रिपोर्ट पर संज्ञान लिया है। रिपोर्ट के अनुसार पीएचई विभाग की मिलीभगत से निर्माणकर्ता ठेकेदार द्वारा बनाए गए पेयजल यूनिट कई स्थानों पर बनने के साथ ही टूट गए हैं। जिससे शासन का जल जीवन मिशन का महत्वाकांक्षी कार्यक्रम फ्लाप शो साबित हो रहा है तथा यह अभियान औपचारिक बनकर रह गया है। मामले में आयोग ने कलेक्टर तथा अधीक्षण यंत्री, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग, रायसेन से प्रकरण की जांच कराकर गैरतगंज विकासखंड के विद्यालयों एवं आंगनबाड़ी केन्द्रों पर लगाये गये पेयजल यूनिट्स के उपयोग योग्य होने के संबंध में एक माह में स्पष्ट प्रतिवेदन मांगा है।
तीन कमरों में चल रहे दो स्कूल
मप्र मानव अधिकार आयोग ने ग्वालियर में तीन कमरों में दो सरकारी स्कूल संचालित होने के मीडिया रिपोर्ट पर संज्ञान लिया है। रिपोर्ट के अनुसार ग्वालियर शहर के आमखो इलाके में बनाई जा रही स्मार्ट रोड़ (smart road) के निर्माण के लिए सरकारी स्कूल को तोड़े जाने के बाद अब इस स्कूल को ऐसे भवन में संचालित किया जा रहा है जहां पहले से ही एक स्कूल संचालित किया जा रहा है। ऐसे में दोनों ही स्कूलों के स्टूडेंटस की पढ़ाई प्रभावित हो रही है। जिस स्कूल में शिफ्टिंग की गई है, वहां केवल तीन कमरे ही हैं, ऐसे में दो मिडिल स्कूल यहां संचालित करने में भारी दिक्कतें आ रही हैं। मामले में आयोग ने कलेक्टर एवं जिला शिक्षा अधिकारी, ग्वालियर से प्रकरण की जांच कराकर प्रभावित विद्यार्थियों के शिक्षा के मौलिक/ मानव अधिकार के संरक्षण हेतु प्राथमिकता से कार्यवाही कराते हुए तीन सप्ताह में जवाब मांगा है।
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