नई दिल्ली: पाकिस्तान (Pakistan) के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान (former prime minister imran khan) पर से मुसीबतें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. तोशखाना केस (Toshkhana case) में दोषी पाए जाने के बाद इमरान खान को तीन साल जेल की सजा हुई है. ऊपर से उनके पांच सालों तक चुनाव लड़ने पर भी रोक लगा दी गई है. ऐसे में उनका राजनीतिक करियर खतरे में आ गया है. वहीं, अब पाकिस्तान के चुनाव आयोग (ECP) ने इमरान को उनकी पार्टी ‘पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ’ (PTI) के अध्यक्ष पद से हटाने का फैसला किया है.
मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) सिकंदर सुल्तान राजा के नेतृत्व में कमीशन पीटीआई चीफ की गिरफ्तारी के बाद के हालात की समीक्षा की गई. इसके बाद ये फैसला किया गया कि दोषी पाए जाने के बाद इमरान पीटीआई प्रमुख के तौर पर कार्यभार संभालने के लिए योग्य नहीं हैं. इसलिए, चुनाव आयोग को अब उन्हें पद से बर्खास्त करने का आदेश जारी करना है. रिपोर्ट्स के मुताबिक, चुनाव आयोग के पॉलिटिकल फाइनेंस विंग को फाइल तैयार करना है और कुछ देर बाद नोटिफिकेशन जारी होगा.
इमरान खान को शनिवार को तोशाखाना मामले में दोषी पाया गया और फिर उन्हें तीन साल की सजा सुनाई गई. सजा का ऐलान होने के बाद उन्हें तुरंत गिरफ्तार किया गया और अटक जेल भेज दिया गया. इमरान को न सिर्फ सजा सुनाई गई है, बल्कि उनके ऊपर 1 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है. एडिशनल सेशन जज हुमायूं दिलावर ने पीटीआई चीफ को पांच साल के लिए डिस्क्वालिफाई किया है. इस तरह जल्द ही होने वाले चुनावों में इमरान हिस्सा नहीं ले पाएंगे.
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ अपने पद से बुधवार को इस्तीफा दे सकते हैं, ताकि कार्यवाहक प्रधानमंत्री देश की कमान संभाल पाए. पाकिस्तान की निचली सदन का कार्यकाल 12 अगस्त को खत्म हो रहा है. इसके ठीक 60 दिनों के भीतर चुनाव करवाना होता है. वहीं, अगर संसद को कार्यकाल पूरा होने से पहले भंग कर दिया जाए तो चुनाव 90 दिनों के भीतर करवाने होते हैं. यही वजह है कि अब पाकिस्तान में कार्यवाहक पीएम के नामों पर चर्चा हो रही है.
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