भोपाल (Bhopal)। जब हम बीमार (Sick) होते हैं, तो हमारी बॉडी इंडिकेटर (body indicator) देना शुरु कर देती है. अगर हमने समय रहते समझ लेते हैं, तो हम गंभीर बीमारियों से बच सकते हैं. जब हम बीमारी (Sick) होते हैं और इलाज के लिए हम डॉक्टर के पास जाते हैं. तब वहां हमें यूरिन टेस्ट करने की सलाह दी जाती है. इतना ही नहीं टेस्ट भी ताजे यूरिन से ही होता है.
एक सेहतमंद इंसान दिनभर में करीब 7 से 8 बार यूरिन पास करता है, इस नेचुरल प्रॉसेस के जरिए शरीर की गंदगी बाहर निकल आती है और नुकसान पहुंचाने वाले टॉक्सिंस से भी छुटकारा मिल जाता है. कई बार जब आप बीमार पड़े होंगे तो डॉक्टर्स ने पैथोलॉजिस्ट के पास जाकर यूरिन सैंपल देने को कहा होगा. क्या आपने सोचा है कि पेशाब के जरिए कैसे आपकी बीमारी का पता लगता है.
दरअसल यूरिन का कलर आपकी सेहत का हाल बता सकता है. आमतौर पर पेशाब का रंग पानी की तरह या बहुत ही हल्का पीला होता है. इसके अलावा कोई और रंग हो, तो ये खतरे की घंटी है. आइए जानते हैं यूरिन के कलर का मतलब.
हल्का पीला रंग
अगर आपके यूरिन का रंग हल्का पीला (Light Yellow) हो जाए तो इसका मतलब है कि आप उतना पानी नहीं पी रहे हैं जितना की शरीर की जरूरत है. ऐसे में आपको थोड़ा ज्यादा वॉटर इनटेक करना होगा. कई बार डायबिटीज और किडनी डिजीज के कारण भी यूरिन का रंग ऐसा हो जाता है.
बादल जैसा धुंधला रंग
कई बार यूरिन का रंग बादलों जैसा धुंधला हो जाता है, ये सीरियस इंफेक्शन की तरफ इशारा करता है, हो सकता है कि आपके ब्लैडर में किसी तरह का संक्रमण हो, ऐसे में आपको तुरंत डॉक्टर के पास जाना चाहिए.
ग्रीन-ब्राउन यूरिन
कई बार जब आप कलर्ड फूड्स या एलोपैथिक मेडिसिन का ज्यादा सेवन करते हैं तो इसकी वजब से यूरिन का कलर ग्रीन-ब्राउन हो सकता है, लेकिन अगर ऐसा नहीं है तो आपको तुरंत डॉक्टर के पास जाकर जांच करानी चाहिए.
ब्राउन रंग
जब गॉल ब्लैडर या पित्ताशय में इंफेक्शन हो जाए तो यूरिन का रंग ब्राउन हो जाता है, इसके अलावा पित्त की नली में किसी तरह का जख्म या ब्लॉकेज भी इसकी वजह हो सकती है, ऐसे में आपको तुरंत यूरिन टेस्ट करना चाहिए.
लाल रंग
यूरिन का रंग लाल कई वजहों से हो सकता है, जैसे अगर आप चुकंदर या इसका रस पीते हैं तो ऐसा होना लाजमी है. इसके अलावा कई दवाओं या सीरप के सेवन से भी ऐसा हो सकता है, जिससे घबराने की जरूरत नहीं है, लेकिन कई बार यूरिन के साथ ब्लड आने लगता है, जिससे इसका रंग लाल हो जाता है. ये किडनी डिजीज, इंफेक्शन, कैंसर या इंटरनल ब्लीडिंग के कारण हो सकता है.
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