नई दिल्ली। किडनी फेलियर एक ऐसी स्थिति है जिसमें एक या दोनों किडनी (Kidney) काम करने में सक्षम नहीं होती हैं. यह किडनी की गंभीर चोट (Kidney Injury) या एक पुरानी बीमारी के कारण हो सकता है जो धीरे-धीरे काम करना कठिन बनाता है. जब किडनियां हेल्दी होती हैं, तो वे अतिरिक्त तरल पदार्थ, खनिज और अपशिष्ट को हटाकर खून को साफ करती हैं, लेकिन जब वे फेल हो जाती हैं, तो शरीर में हानिकारक अपशिष्ट का निर्माण होता है और अतिरिक्त तरल पदार्थ बना रहता है, जिससे मूत्र का रंग (Urine Color) और मात्रा बदल जाती है.
आपके पेशाब का रंग आपकी हेल्थ के बारे में सुराग दे सकता है, लेकिन किडनी की बीमारी (Kidney Disease) में आमतौर पर कोई भी लक्षण दिखाई नहीं देता है, इसलिए यह जानने का एकमात्र तरीका है कि आपको टेस्ट करवाना है. अगर आपका पेशाब ठीक दिखता है, तो भी किडनी डैमेज (Kidney Damage) हो सकती है.
पेशाब के इन रंगों का क्या मतलब | What Do These Colors Of Urine Mean
1) साफ/हल्का पीला
इसका मतलब है कि आप अच्छी तरह से हाइड्रेटेड हैं और खूब पानी और तरल पदार्थ पी रहे हैं! हल्का पीला रंग सामान्य है. इसका अर्थ है कि आपकी किडनियां और स्वास्थ्य बिल्कुल ठीक है.
2) गहरा पीला रंग
अगर पेशाब का रंग गहरा पीला है तो समझ जाएं कि आप डिहाइड्रेट हैं, यानि आपको पानी पीने की सख्त जरूरत है. बिना पानी के आपकी किडनियां डैमेज होने का खतरा होता है.
3) गुलाबी से लाल
ये कुछ फूड्स के कारण हो सकता है या यह आपके पेशाब में खून हो सकता है. सुनिश्चित करने के लिए अपना यूरीन टेस्ट करवाएं.
नींद में सांस रुकना या अटकना, खर्राटे मारना हैं स्लीप एपनिया के लक्षण, जानें वार्निंग साइन
4) नीला रंग
जब आपका शरीर पाचन के दौरान उन रंगों को अवशोषित नहीं करता है तो कुछ फूड्स के रंग आपके मूत्र को नीला कर सकते हैं.
5) झागदार या फिजी
ये मूत्र में प्रोटीन का संकेत दे सकते हैं. पेशाब में प्रोटीन किडनी की बीमारी का प्रारंभिक संकेत है, इसलिए प्रोटीन की जांच के लिए अपने डॉक्टर से यूरिनलिसिस करने के लिए कहें.
नोट– उपरोक्त दी गई जानकारी व सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के लिए हैं हम इनकी सत्यता या जांच की पुष्टि का दावा नहीं करते हैं. कोई भी परेशानी हो तो इन्हें अपनाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ की सलाह जरूर ले.
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved