जबलपुर। शहर के जाने-माने क्लॉक टावर स्पेशलिस्ट (घड़ी सुधारक) को मिल रही धमकियों का एक मामला सामने आया है । क्लॉक टावर स्पेशलिस्ट को मिल रही है ये धमकी नगर निगम के अधिकारी की शिकायत करने के बाद से लगातार मिल रही है इस मामले में क्लॉक टावर स्पेशलिस्ट महमूद आलम ने बताया है कि वह शहर के मुख्य स्थानों जिसमें घंटाघर, कमानिया गेट एवं राजा गोकुलदास धर्मशाला आदि में लगी घडिय़ों की देखरेख कई सालों से कर रहा था इसी बीच विगत कई महीनों से उससे यह काम छीन लिया गया और यह काम किसी दूसरे व्यक्ति को दे दिया गया। महमूद आलम के मुताबिक जब से इन घडिय़ों की देखरेख का काम दूसरे व्यक्ति को दिया गया है तब से ही यह घडिय़ां बंद पड़ी हुई है। महमूद आलम ने आगे बताया कि शहर में बंद पड़ी घडिय़ों की शिकायत महापौर से की थी। जिस पर उनकी शिकायत पर उद्यान अधिकारी पर कार्रवाई की गई थी। इस शिकायत के बाद से ही उसे इस काम से हटा दिया गया था। और एक नए व्यक्ति को काम दे दिया था।
शिकायत वापस लेने मिल रही धमकियां
क्लॉक टावर स्पेशलिस्ट मेहमूद आलम ने बताया कि इसी मामले को लेकर विगत दिनों हनुमानताल निवासी फैयाज नामक व्यक्ति द्वारा अपनी मां को लेकर उसके घर आया था। जिस पर उसने शिकायत वापस लेने को कहा। मना करने पर फैयाज ने गाली गलौज शुरू कर दी। इसके अलावा उसने उसकी बेटी शिरीन के साथ भी बाल पकडकर मारपीट की। इस मामले की शिकायत उसने गोहलपुर थाने पहुंचकर की थी। जिसके बाद से ही उसे शिकायत वापस लेने लगातार धमकियां दी जा रही हैं।
शहर का इतिहास बताती हैं ये घडिय़ां
कमानिया गेट, घंटाघर और इंद्रा मार्केट स्थित गोकुल दास धर्मशाला में लगी ये घडियां कई सालों से शहर का इतिहास बताते आ रहीं है। लेकिन विगत कई महीनों से इन घडिय़ों का रखरखाव नहीं हो पा रहा है। इस मामले में क्लॉक टॉवर स्पेशलिस्ट मेहमूद आलम ने बताया कि उसके द्वारा काम छीनने के बाद से ही शहर की ये घडिय़ां बंद पड़ी हुई है। मेहमूद आलम के मुताबिक नगर निगम के उद्यान विभाग द्वारा एक ऐसे व्यक्ति को घडियों के रखरखाव के लिए रखा गया है जिसका घड़ी सुधारने के काम से कोई लेना-देना ही नहीं है।
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