इन्दौर। शहर का सबसे बड़ा अन्नकूट महोत्सव (Annakoot Festival) प्राचीन हंसदास मठ (Hansdas Math) में होता आया है। यहां सात क्विंटल वजनी कड़ाव में 15 हजार लोगों के लिए संतों के सान्निध्य में रामभाजी (Rambhaji) बनाई जाती है, लेकिन इस वर्ष अन्नकूट परम्परा (Annakoot Tradition) के तौर पर ही मनाया जाएगा और केवल प्रसादी ही वितरित की जाएगी।
हंसदास मठ (Hansdas Math) के पं. पवनदास शर्मा (Pawandas Sharma) ने बताया कि अन्नकूट के लिए साल में केवल एक ही बार इस भारी भरकम कड़ाव को भट्टी पर चढ़ाया जाता है। सुबह से शाम तक कड़ाव में रामभाजी (Rambhaji) को घोटा जाता है और कड़ाव में एक ही बार भाजी बरसों से बनाई जा रही है। इतना बड़ा पुराना कड़ाव इन्दौर में कहीं नहीं है। रामभाजी (Rambhaji) को जितना घोटकर बनाया जाता है, स्वाद उतना ही बढ़ जाता है। इसलिए हंसदास मठ (Hansdas Math) में अन्नकूट की प्रसादी ग्रहण करने के लिए भक्तगण वर्षभर इंतजार करते हैं, लेकिन इस बार उन्हें निराशा हाथ लगेगी। पिछले दो साल से अन्नकूट का भोजन श्याम महाराज बनाते हैं। महाराज ने बताया कि चार फीट कड़ाव में भाजी बनाना अपने आप में एक अलग ही अनुभव होता है। हंसदास मठ (Hansdas Math) में बैकुण्ड चतुर्थी पर अन्नकूट महोत्सव (Annakoot Festival) होता आया है। इसके लिए न्योता नहीं देना पड़ता। शहरभर के भक्त अपने आप जमा हो जाते हैं। देर रात तक अन्नकूट जारी रहता है और आज तक कोई यहां से भूखा नहीं गया है।
प्रशासन से अनुमति के लिए प्रयास लगातार जारी
हंसदास मठ (Hansdas Math) में बैकुंठ चतुर्दशी पर होने वाले अन्नकूट महोत्सव (Annakoot Festival) के लिए प्रशासन से अनुमति लेने के लिए प्रयास लगातार जारी है। अगर अनुमति मिलती है तो अन्नकूट महोत्सव (Annakoot Festival) आयोजित होगा। वरना परंपरा स्वरूप प्रसादी का वितरण भक्तों किया जाएगा। इस अवसर पर आकर्षक फूल बंगला (Attractive Flower Bungalow) भी सजाया जाएगा।
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