उज्जैन। इस बार श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का त्यौहार दो दिन मनाया जा रहा है। एक दिन पहले शैव मंदिरों में श्रीकृष्ण जन्मोत्सव मना तो आज सुबह से वैष्णव मंदिरों में बाल गोपाल के जन्मोत्सव की तैयारी चल रही है। बीती रात द्वारकाधीश गोपाल मंदिर सहित अन्य मंदिरों में मध्य रात्रि में बाल गोपाल का जन्मोत्सव मना।
ज्योतिषाचार्यों के मुताबिक शैव मत मानने वाले अनुयायी और मंदिरों में 11 अगस्त की मध्य रात्रि भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव मनाया गया। शाम को महाकालेश्वर मंदिर के नैवेद्य कक्ष में विराजमान लड्डू गोपाल का अभिषेक पूजन कर भोग लगाया गया तथा आरती की गई, वहीं द्वारकाधीश गोपाल मंदिर में सभामंडप को सुगंधित फूलों से सजाया गया था और मध्य रात्रि 12 बजते ही मंदिर के पट खुले और बालकृष्ण की जन्म आरती की गई। कोरोना के कारण पहली बार गोपाल मंदिर परिसर और बाहर का ऐरिया सूना नजर आया। इसी तरह सांदीपनि आश्रम में भी मध्य रात्रि में भगवान श्रीकृष्ण का अभिषेक पूजन करने के बाद विधिवत जन्म आरती की गई। यहाँ भी वर्षों बाद श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव में भक्त शामिल नहीं हो पाए। आज वैष्णव मत मानने वाले मंदिरों में श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव मनेगा। सुबह से वैष्णव मार्गी मंदिरों में जन्मोत्सव की तैयारियाँ चल रही है। रात में कृष्ण जन्मोत्सव मनेगा और जन्म आरती की जाएगी।
मीरा माधव मंदिर में गूंज रहा गोपाल सहस्त्रनाम
मीरा माधव मंदिर पंवासा में आज जन्माष्टमी मनाई जा रही है, यहाँ तडक़े 5 बजे से आज रात 12 बजे तक गोपाल सहस्त्रनाम का पाठ कोरोना से मुक्ति के लिए 5 पंडितों द्वारा शुरु कर दिया गया है। पं. सुनील बटवाल व संजय बटवाल के अनुसार दोपहर 12 बजे राज भोग आरती हुई तथा शाम 6 बजे से पुष्प श्रृंगार दर्शन व रात्रि 8 बजे जागरण दर्शन तथा मध्य रात्रि 12 बजे श्री कृष्ण की जन्म आरती की जाएगी। कल सुबह 8 बजे नंद महोत्सव मनाया जाएगा। मंदिर में कोरोना की गाईड लाईन का पूरा पालन किया जा रहा है।
आज जन्माष्टमी, कल झूला दर्शन
फ्रीगंज के प्रकटेश्वर महादेव मंदिर में जन्माष्टमी का उत्सव सुबह से मनाया जा रहा है। यहाँ तुलसी के 101 गमलों से मंदिर की सजावट की गई है। दर्शन आरती आज शाम को 7.30 पर होगी व जन्मारती रात्रि 12 बजे की जाएगी। झूले के दर्शन रात्रि से दूसरे दिन गुरुवार को दोपहर तक होंगे। भक्तों के लिए सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क की अनिवार्यता रखी गई है।
कृष्ण जन्म से एक दिन पहले इस्कॉन से हटा कंटेनमेंट
24 जुलाई को इस्कॉन के एक ब्रह्मचारी 26 जुलाई को एक अन्य ब्रह्मचारी के कोरोना संक्रमित होने के बाद भरतपुरी स्थित इस्कॉन मंदिर को कंटेनेमेंट झोन में तब्दील कर दिया गया था। बेरिकेट्स लगाकर यहाँ श्रद्धालुओं की आवाजाही रोक दी गई थी। कल जिला प्रशासन ने इस्कॉन परिसर से बेरिकेट्स हटा लिए और कंटेनमेंट मुक्त कर दिया। पीआरओ पं. राघवदास के मुताबिक आज सुबह साढ़े 9 बजे से मंदिर के पट श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए हैं और सोश्यल डिस्टेंस का पालन करते हुए दर्शन की व्यवस्था की गई है। रात सवा 9 बजे तक भक्त दर्शन कर पाएँगे। इसके बाद मंदिर में आम श्रद्धालुओं का प्रवेश नहीं हो पाएगा और मध्य रात्रि में भगवान श्रीकृष्ण की जन्म आरती की जाएगी। कोरोना के कारण इस बार मंदिर में भव्य आयोजन नहीं हो रहे हैं।
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