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    21 करोड़ फूंकने के बाद भी आवारा कुत्तों से शहर को नहीं मिली मुक्ति

  • February 11, 2021


    नेता प्रतिपक्ष ने लगाई हाईकोर्ट में जनहित याचिका… निगम के साथ नसबंदी करने वाली निजी फर्मों को भी बनाया पार्टी
    इंदौर। शहर की जनता लगातार आवारा कुत्तों से परेशान है, जिनकी तादाद लगातार बढ़ती जा रही है। नगर निगम सालों से इन आवारा कुत्तों की नसबंदी करवा हा है, लेकिन उसका कोई असर नजर नहीं आता। लगभग 21 करोड़ रुपए की राशि नगर निगम ने पिछले पांच सालों में इन आवारा कुत्तों के नसबंदी ऑपरेशनों पर फूंक दी है।


    नगर निगम की नेता प्रतिपक्ष रही श्रीमती फौजिया शेख अलीम ने इस संबंध में हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की है। उनका कहना है कि वर्षों से पेट्स सोसायटी फार एनिमल वेलफेयर एंड रूलर डवलपमेंट कम्पनी इस कार्य में लापरवाही कर रही है। निगम के अधिकारी अनुबंधित निजी फर्मों पर ठोस कार्रवाई नहीं कर पा रहे हैं और पिछले 5-7 वर्षों के दौरान कुत्तों की नसबंदी के बावजूद 20 फीसदी राहत भी जनता को नहीं मिल सकी है। निजी फर्म को कुत्तों के नसबंदी ऑपरेशन का ठेका निगम ने दे रखा है, जिसे करोड़ों रुपए का भुगतान भी कर दिया गया। हर माह 24 लाख रुपए से अधिक का भुगतान निगम द्वारा किया जा रहा है और एक और कम्पनी रोडीस को भी इसका जिम्मा दिया गया है। एक लाख से अधिक आवारा कुत्ते शहर में हैं और रोजाना 90-100 के ऑपरेशन करने का दावा भी किया जाता है।


    रोजाना 100 से अधिक नागरिकों को काटते हैं
    अभी कोरोना में भी आवारा कुत्तों की संख्या बढ़ गई और रोजाना बच्चों से लेकर लोगों को इन कुत्तों द्वारा काट लिया जाता है। लगभग 80 से 100 लोग रोजाना इनके शिकार बनते हैं। जीपीओ और ट्रेंचिंग ग्राउंड सेंटरों पर इन कुत्तों की नसबंदी ऑपरेशन होते हैं और ऑपरेशन के दौरान ही 4 से 5 कुत्तों की मौत हो जाती है। एक ऑपरेशन को संस्था को 925 रुपए दिए जाते हैं और 2015 से यह सिलसिला चल रहा है और नगर निगम 21 करोड़ रुपए से अधिक की राशि इस पर खर्च कर चुका है। बावजूद जनता को राहत नहीं मिली।


    गोशालाओं की तर्ज पर बनाएं श्वान शालाएं
    नेता प्रतिपक्ष रही श्रीमती फौजिया शेख अलीम ने अपनी जनहित याचिका में यह भी मांग की है कि नगर निगम सरकारी खुली जमीनों पर गौशालाओं की तर्ज पर श्वान शालाओं का निर्माण करें। जिस तरह शहर की सडक़ों से आवारा पशुओं को खदेडक़र गौशालाओं में भिजवाया गया, उसी तरह इन आवारा कुत्तों की नसबंदी कर उन्हें डॉग हाउस यानी श्वान शालाओं में छोड़ा जा सकता है।

    श्वानों मे तेजी से फैलने वाले वायरल इन्फेक्शन का अटैक हुआ
    बीमारियों से बचाव के लिए नियमित रूप से लगने वाले टीके जिन श्वानों में नहीं लगे हैं, उन श्वानों में तेजी से फैलने वाले वायरस इन्फेक्शन का अटैक हुआ है। शहर के तीनों पशु चिकित्सालय में श्वानपालक अपने श्वानों को इन्फेक्शन के बाद इलाज के लिए लेकर आ रहे हैं। डाक्टरों ने वायरल इन्फेक्शन को लेकर श्वानपालकों से सावधानी बरतने की अपील की है। शहर के जीपीओ, पत्थर गोदाम और एमओजी लाइन स्थित शासकीय पशु चिकित्सालय में सुबह से लेकर शाम तक बड़ी संख्या में श्वानपालक अपने श्वानों को इलाज के लिए लेकर आ रहे हैं। दरअसल मौसम में आए बदलाव और समय पर बीमारियों से बचाव का टीका न लगने के कारण श्वानों में वायरल इन्फेक्शन फैला है, जिससे उनमें सर्दी, जुकाम, खून की उल्टी और दस्त जैसे लक्षण दिख रहे हैं।

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