भोपाल। सरकारी स्कूलों में पहली से आठवीं तक पढऩे वाले 65 लाख विद्यार्थियों की यूनिफॉर्म को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है। स्कूल शिक्षा विभाग आदेश जारी करने के बाद इसके लिए बजट अलॉट करना ही भूल गया। इस वजह से चार महीने तक प्रक्रिया ही आगे नहीं बढ़ पाई। इसके चलते आजादी के अमृत महोत्सव पर भी बच्चों को यूनिफॉर्म नहीं मिल पाएगी। स्कूल शिक्षा मंत्री इंदरसिंह परमार ने इस लापरवाही की जिम्मेदारी लेते हुए कहा कि अब जल्द बजट जारी कर प्रक्रिया पूरी करेंगे। क्वालिटी सुधारने 75 फीसदी एडवांस की नीति को बदलते हुए 50 फीसदी किया जा रहा है। राज्य शिक्षा केंद्र के संचालक आईएएस अफसर धनराजू एस ने स्वीकारों की यूनिफार्म का शासन स्तर पर ही मामला पेंडिंग है। राज्य शिक्षा केंद्र ने 65 लाख विद्यार्थियों को दो-दो ड्रेस के लिए 400 करोड़ का प्रावधान किया है। ड्रेस स्व सहायता समूहों द्वारा तैयार की जाएगी। सवाल यह उठता है कि औसत 600 रुपए में यूनिफॉर्म कैसे बनेगी? छठी से आठवीं तक के विद्यार्थियों की यूनिफॉर्म फुल साइज होने से उसमें 40फीसदी कपड़ा अधिक लगेगा। छात्राओं को जैकेट भी देना होगी।
बाल आयोग ने गुणवत्ता पर उठाए थे सवाल
बाल आयोग के सदस्य ब्रजेश चौहान ने राज्य शिक्षा केंद्र के संचालक को पत्र लिखकर यूनिफॉर्म वितरण व निर्माण की खामियां गिनाई हैं। पत्र में उन्होंने लिखा है कि गणवेश के कपड़े बेहद हलके दिए जाते हैं, जिनकी सिलाई भी ठीक नहीं होती।
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