गुना। मध्य प्रदेश शासन के द्वारा शहर व दूरदराज जंगली ग्रामीण इलाकों में सुरक्षित प्रसव कराने के उद्देश्य से जनहितेषी जनकल्याणकारी योजना जननी एक्सप्रेस का संचालन किया गया है जिस पर शासन के द्वारा करोड़ों रुपए का खर्च हर महीने किया जा रहा है लेकिन विभाग के अफसर ही योजना को पलीता लगाने से परहेज नहीं कर रहे हैं अपनी मनमानी व लापरवाही के चलते स्वास्थ्य विभाग की उचित सेवाएं आम जनता को नहीं मिल पा रही हैं 10 वर्षों से लंबे समय से जमे डॉक्टर को आखिर किसका संरक्षण है जो इतने लंबे समय पर समय से एक ही जगह पर पदस्थ होकर शासन की महत्वकांक्षी योजनाओं को सही तरीके से संचालन भी नहीं कर पा रहा है। आए दिन विभाग की लापरवाही उजागर होती रहती हैं विगत दिवस भी मधुसूदनगढ़ इलाके के ग्राम हिंगोना निवासी महिला आशा बाई के पति सोनू मीणा ने जब अपनी पत्नी की तेज प्रसव पीड़ा होने पर 108 एंबुलेंस जननी एक्सप्रेस को कॉल किया तो वह समय पर नहीं पहुंची पति अपनी मां को साथ लेकर मोटरसाइकिल से निकल पड़ा लेकिन रास्ते में ही पत्नी ने बच्चे को जन्म दे दिया।
लापरवाही छिपाने पर्दा डाल रहा स्वास्थ्य विभाग
शर्मसार कर देने वाली इस घटना के बाद मधुसूदनगढ़ के बीएमओ बड़े ही शर्म से इस बात को स्वीकार रहे हैं कि ऐसा कुछ भी नहीं हुआ खबर गलत है लेकिन उक्त घटना के फोटो वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद कलेक्टर ने मामले में गुना सीएमएचओ से रिपोर्ट मांगी जिसका प्रतिवेदन कलेक्टर को भेजा जा रहा है। बताया जाता है कि मधुसूदनगढ़ सरकारी अस्पताल मैं लंबे समय से जमे स्वास्थ्य अधिकारी सरकारी योजना में घालमेल करने के साथ भ्रष्टाचार को भी बढ़ावा देने में लगे हुए हैं।
सड़क पर डिलीवरी तो उठे सवाल
घंटों जननी एक्सप्रेस 108 एंबुलेंस को फोन लगाने के बाद भी जब सुविधा नहीं पहुंची तो पति अपनी पत्नी व मां को लेकर चल दिया पर रास्ते में पत्नी को तेज प्रसव पीड़ा हुई और मां ने सुरक्षित प्रसव कराया जिसमें 1 बच्चे का जन्म हुआ। आखिर जन हितेषी योजनाओं में इतनी बड़ी लापरवाही करोड़ों रुपए खर्च करने के बाद भी बढ़ती जा रही है तो फिर रुपया आखिर जा कहां रहा है स्वास्थ्य विभाग अपनी कमियों को पर पर्दा डालने का भरपूर प्रयास कर रहा है लेकिन शर्मसार कर देने वाली इस घटना के बाद स्वास्थ्य विभाग की कारगुजारी उजागर हो गई।
मधुसूदनगढ़ में झोलाछाप डॉक्टरों को अभयदान
मधुसूदनगढ़ कस्बे व ग्रामीण इलाकों में अनेकों झोलाछाप डॉक्टर अपनी दुकानें संचालित कर रहे हैं झोलाछाप डॉक्टरों के इलाज से जहां अनेकों मरीजों की मौत हो चुकी हैं वहीं अनेकों अपंगता का शिकार हो चुके हैं अनेकों बार झोलाछाप डॉक्टरों के मामले उजागर हुए तो सॉरी कार्यवाही आकर उन्हें बख्श दिया गया। सूत्रों ने बताया कि मधुसूदनगढ़ इलाके में पदस्थ स्वास्थ्य अधिकारी के द्वारा झोलाछाप डॉक्टरों से मिलीभगत कर उनसे चंदा वसूली की जाती है जिसके एवज में उन्हें अपनी दुकान चलाने की खुली छूट प्रदान की गई है। सूत्र यह भी बताते हैं कि सरकारी गोली दवाइयों के स्टाक में भी बड़ा घालमेल देखने को मिल सकता है अगर निष्पक्ष रुप से मामले की जांच की जाए।
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