भोपाल। मप्र के पूर्व मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा (Laxmikant Sharma) को श्रद्धांजलि (Tribute) देने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chouhan) रात 12 बजे पीपीई किट (PPe Kit) पहनकर भोपाल के लालघाटी (Lal Ghati) चौराहे पहुंचे थे। दूसरी ओर चिरायु अस्पताल (Chirayu Hospital) में भर्ती लक्ष्मीकांत शर्मा (Laxmikant Sharma) को बचाने के लिए उनके परिजनों ने हैदराबाद से एयर एंबुलेंस (Air Amubulance) और बेंग्लुरू से डॉक्टरों की टीम बुलाई थी, लेकिन इनके भोपाल पहुंचने से पहले ही लक्ष्मीकांत (Laxmikant) का निधन हो गया।
संघ और भाजपा की राजनीति में बेहद सहज और सरल माने जाने वाले लक्ष्मीकांत शर्मा बेशक कुछ वर्षों से राजनैतिक वनवास में थे, लेकिन उसके बाद भी सभी राजनैतिक दलों और सामाजिक क्षेत्र में उनको पसंद करने वालों की बड़ी तादाद थी। व्यापमं घोटाले के आरोप लगने के बाद लक्ष्मीकांत शर्मा लंबे समय तक जेल में रहे और जेल से छूटने के बाद भी वे राजनीति की मुख्य धारा में नहीं लौट पाए। 7 मई को उनकी बेटी की शादी थी। हालांकि कार्यक्रम बहुत छोटा था, लेकिन इसी दौरान शायद वह संक्रमित हो गए थे। लक्ष्मीकांत शर्मा और उनके दो सहायकों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। इसके बाद उन्हें चिरायु अस्पताल में भर्ती कराया गया। गंभीर स्थिति को देखते हुए परिजनों ने हैदराबाद और बैंग्लुरी से डॉक्टर बुलाए। सूत्रों ने बताया कि हैदराबाद से एयर एंबुलेंस भोपाल के लिए रवाना हुई जो बेंग्लुरू से डॉक्टरों के दल को लेकर 31 मई की रात 9.30 बजे भोपाल विमान तल पर उतरी। इधर एयर एंबुलेंस भोपाल पहुंची थी और उधर चिरायु अस्पताल में लक्ष्मीकांत शर्मा की सांसें थम गईं। चिरायु के डॉक्टर हार्ट की पंपिंग करके उन्हें बचाने की कोशिश करते रहे। इसी बीच हैदराबाद और बैग्लौर के डॉक्टर भी चिरायु अस्पताल पहुंच गए थे। लेकिन तब तक देर हो चुकी थी। रात लगभग 10.15 बजे डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
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