इन्दौर। हर साल की तरह इस बार भी मानसून से पहले इंदौर सहित प्रदेशभर में बड़े पैमाने पर पौधारोपण के आयोजन किए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने जल गंगा संवर्धन अभियान के तहत पूरे प्रदेश में साढ़े 5 करोड़ पौधे लगाने का लक्ष्य थमा दिया है। जनभागीदारी से यह पौधे लगाए जाएंगे। वहीं इंदौर जिले में 51 लाख पौधे लगाने का लक्ष्य नगरीय प्रशासन और विभाग मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने दिया है। इसके चलते प्रशासन के निर्देश पर निगम, प्राधिकरण सहित सभी विभाग जमीनों की ढुंढाई के साथ इतनी तादाद में पौधों को हासिल करने की जुगाड़ में लग गए हैं।
पौधारोपण के साथ ही जल संरक्षण-संवर्धन अभियान भी मुख्यमंत्री के निर्देश पर चलाया जा रहा है। कल इंदौर में पूर्व लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन की उपस्थिति में जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट ने ग्राम झलारिया में इस अभियान का शुभारंभ भी किया। सभी ग्राम पंचायतों में जल संरक्षण और संवर्धन के काम तो होंगे ही, वहीं जिले के सभी नदी, तालाब, कुएं, बावडिय़ों की साफ-सफाई, जीर्णोद्धार और नवीनीकरण के कार्य भी कराए जा रहे हैं और कैचमेंट एरिया के अवरोधों को हटाया जा रहा है। दूसरी तरफ मुख्यमंत्री ने साढ़े पांच करोड़ पौधों का लक्ष्य तय किया है। हरियाली अमावस्या के बाद सतत रूप से पौधारोपण की गतिविधियां संचालित होंगी।
भोपाल के साथ-साथ इंदौर और उज्जैन में वाटर स्पोट्र्स की गतिविधियों को भी बढ़ावा दिया जाएगा। वहीं जलस्रोतों के आसपास भी पौधारोपण को प्रोत्साहित करने को कहा गया है। वहीं विजयवर्गीय ने जिन नगरीय निकायों की गंदगी नर्मदा नदी में मिल रही है, उसे एक साल के अंदर बंद करने के निर्देश दिए और नदी के दोनों तरफ दो-दो किलोमीटर तक के क्षेत्र के किसानों को आर्गेनिक खेती के लिए प्रोत्साहित करने का सुझाव भी दिया। दूसरी तरफ इंदौर में 51 लाख पौधे लगाने के लक्ष्य की पूर्ति में विभागों को पसीने छूट रहे हैं, क्योंकि इतनी बड़ी तादाद में पौधों के साथ-साथ ऐसी जमीनों की ढुंढाई की जा रही है, जहां पर यह पौधे आसानी से लग सकें।
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