नई दिल्ली: कोविड महामारी की वजह से देश ही नहीं पूरे विश्व में कामकाज के तरीके में बदलाव हो गया है. ओमीक्रॉन (Omicron) के बढ़ते मामले और तीसरी लहर की आशंका ने एक बार फिर वर्क फ्रॉम होम को लेकर चर्चा तेज हो गई है.
31 दिसंबर की शाम को RPG ग्रुप के चेयरमैन हर्ष गोयनका ने ट्वीट कर जानकारी दी कि उनकी कंपनी ने सभी कर्मचारियों को तत्काल प्रभाव से घर से काम करने को कह दिया है और सभी दफ़्तर भी बंद रहेंगे. कंपनी के तौर पर ये एक बड़ा एहतियाती कदम है वहीं कर्मचारियों के लिए भी सुविधाजनक भी.
‘वर्क फ्रॉम होम’ के लिए कानून लाएगी सरकार
अभी ज्यादातर कार्यालयों में कोरोना वायरस के संक्रमण की वजह से कर्मचारियों को वर्क फ्रॉम होम की भी सुविधा दी जा रही है. कई सरकारी दफ्तरों में भी वर्क फ्रॉम होम की सुविधा भी दी गई है. अब केंद्र सरकार ऐसे नियम लाने पर विचार कर रही है, जिसके तहत कर्मचारियों को वर्क फ्रॉम होम के विकल्प को चुनने का मौका मिलेगा.
श्रम मंत्रालय ने इसके लिए एक ड्राफ्ट भी जारी किया है. इस ड्राफ्ट में माइनिंग, मैनुफैक्चरिंग और सर्विस सेक्टर के कर्मचारियों को शामिल किया जाएगा. इस कदम से दफ्तरों के वर्क कल्चर में बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा.
HRA में हो सकती है कटौती
इसके तहत कर्मचारियों के हाउस रेंट अलाउंस (HRA) में कटौती पर विचार किया जा रहा है. वहीं, इंफ्रास्ट्रक्चर रिम्बर्समेंट कॉस्ट में बढ़ोतरी पर भी विचार किया जा रहा है. श्रम मंत्रालय की तरफ से जारी वर्क फ्रॉम होम ड्राफ्ट के अनुसार आईटी सेक्टर को नए नियमों में विशेष छूट मिल सकती हैं.
आईटी कर्मचारियों को वर्किंग ऑवर में भी सहूलियत मिलेगी. श्रम मंत्रालय के अनुसार आईटी सेक्टर में काम करने वाले कर्मचारियों की सुरक्षा को भी ध्यान में रखा गया है. श्रम मंत्रालय के अनुसार सर्विस सेक्टर की जरूरत के हिसाब से पहली बार इस खास मॉडल को तैयार किया गया है.
सरकार ने मांगा सुझाव
श्रम मंत्रालय ने नए ड्राफ्ट्स पर आम लोगों से सुझाव भी मांगे हैं. अगर आप भी अपना सुझाव भेजना चाहते हैं तो 30 दिनों के भीतर श्रम मंत्रालय के पास भेज सकते हैं. उम्मीद की जा रही है कि श्रम मंत्रालय इस कानून को अप्रैल में लागू कर सकती है. बहरहाल, सरकार के इस कदम से कर्मचारियों को सहूलियत मिल सकती है.
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