नई दिल्ली। केंद्र सरकार (Central Government) ने सांसदों के वेत्तन और भत्ते में बढ़ी बढ़ोत्तरी (Increase salary and allowances of MPs) की है। इसके साथ ही पूर्व सांसदों के पेंशन (Pension of former MPs) में भी इजाफा किया गया है। बड़ी बात यह है कि यह बढ़ोत्तरी 1 अप्रैल, 2023 से ही प्रभावी होगी। अब सांसदों को हर महीने 1,24,000 रुपये मिलेंगे, जो पहले एक लाख रुपये थी। इसके अलावा, सांसदों का दैनिक भत्ता भी बढ़ाकर अब 2000 से ढाई हजार कर दिया गया है। पूर्व सांसदों का पेंशन 25 हजार से बढ़ाकर अब 31 हजार रुपये प्रतिमाह कर दिया गया है।
यह बढ़ोत्तरी संसद सदस्यों के वेतन, भत्ते और पेंशन अधिनियम, 1954 द्वारा प्रदत्त शक्तियों के तहत किया गया है। यह आयकर अधिनियम, 1961 में उल्लिखित लागत मुद्रास्फीति सूचकांक पर आधारित है।सरकार ने वेतन बढ़ोत्तरी से जुड़ी अधिसूचना जारी कर दी है।संसदीय कार्य मंत्रालय द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार संसद सदस्यों के वेतन में लागत मुद्रास्फीति सूचकांक के आधार पर 24 प्रतिशत की बढ़ोतरी की गई है, जो एक अप्रैल, 2023 से प्रभावी होगी।
हर पांच साल पर होनी है वेतन की समीक्षा
सरकारी अधिसूचना के मुताबिक, वैसे पूर्व सांसदों के अतिरिक्त पेंशन में भी बढ़ोत्तरी की गई है, जो एक से ज्यादा कई कार्यकाल तक सांसद रहे हैं। इसके तहत पूर्व सांसदों को सेवा के हरेक वर्ष के लिए अतिरिक्त पेंशन के तौर पर अब 2500 रुपये मासिक पेंशन मिलेंगे, जो पहले 2,000 प्रति माह थी। वेतन-भत्ते में यह बढ़ोत्तरी 2018 के बाद से लागू किए गए उस नियम के तहत किया गया है, जिसमें सांसदों के वेतन और भत्ते की हर पांच साल पर समीक्षा करने का प्रावधान है। यह समीक्षा महंगाई दर पर आधारित होती है।
बता दें कि यह कदम कर्नाटक सरकार द्वारा मुख्यमंत्री, मंत्रियों और विधायकों के वेतन में 100% वृद्धि को मंजूरी दिए जाने के कुछ दिनों बाद उठाया गया है। हालांकि, कर्नाटक विधानसभा में विधायकों के वेतन भत्ते में बढ़ोतेतरी पर तीखी बहस हुई थी।
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