भोपाल। केंद्र सरकार अभी तक मप्र के गेहूं को यह कहकर केंद्रीय पूल में लेने से इंकार करती आ रही है के गेहूं मानकों के अनुरूप नहीं है और चमकविहीन है। अब केंद्र सरकार मप्र के गेहूं को सशर्त केंद्रीय पूल में लेने को तैयार है। जिसके तहत यह चमकविहीन गेहूं मप्र से बाहर नहीं जाएगा और सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत मप्र में बंटेगा। राज्य सरकार ने केंद्र सरकार से चमकविहीन गेहूं को केंद्रीय पूल में लेने का अनुरोध किया था, जिसके बाद भारतीय खाद्य निगम सशर्त गेहूं लेने को तैयार हो गया है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने दिल्ली प्रवास के दौरान केंद्रीय खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री पीयूष गोयल से मप्र के गेहूं मसले पर मुलाकात की।
मप्र का गेहूं खरीदने का इच्छुक है मिस्र
मुख्यमंत्री ने बताया कि 11 अप्रैल 2022 को मिस्र की टीम द्वारा गेहूँ आयात के संबंध में इंदौर का भ्रमण किया गया था। उन्होंने बताया कि मध्यप्रदेश के निर्यातकों द्वारा गेहूं निर्यात हेतु रूचि दिखाई जा रही है और राज्य सरकार का भी मिस्र को गेहूँ निर्यात करने का सकारात्मक दृष्टिकोण है। मिस्र के भारतीय दूतावास द्वारा 19 से 23 मई 2022 के बीच भारत-मिस्र व्यापार सम्मेलन प्रस्तावित है, जिसमें भारतीय दूतावास ने मध्यप्रदेश से प्रतिनिधिमंडल आमंत्रित करने का आग्रह किया है। राज्य शासन 10 सदस्यों के प्रतिनिधिमंडल को इस सम्मेलन में भेजने का इच्छुक है, जिस पर होने वाले व्यय का वहन राज्य शासन द्वारा किया जायेगा। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि किसानों को गेहूँ की अच्छी बाजार दर प्राप्त होने और निर्यात में वृद्धि होने से वर्तमान रबी सीजन में कम मात्रा में गेहूँ उपार्जन होने की संभावना है।
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