नई दिल्ली: कांग्रेस ने शुक्रवार (21 मार्च, 2025 ) को केंद्र सरकार पर किसानों के हितों की अनदेखी करने का आरोप लगाते हुए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की कानूनी गारंटी की मांग की. दरअसल, पार्टी ने कहा कि स्वामीनाथन आयोग के फार्मूले के आधार पर MSP तय किया जाना चाहिए.
लोकसभा में कृषि मंत्रालय के अनुदानों पर चर्चा के दौरान हरियाणा के हिसार से कांग्रेस सांसद जयप्रकाश ने कहा कि किसानों का कर्ज माफ किया जाना चाहिए. उन्होंने सरकार से सवाल किया कि MSP क्या 2014 के बाद शुरू हुई है या यह पहले से मौजूद थी?
जयप्रकाश ने कहा कि जब भाजपा विपक्ष में थी, तब स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशें लागू करने की मांग को लेकर प्रदर्शन करती थी, लेकिन सत्ता में आने के बाद इस पर चुप्पी साध ली गई. उन्होंने कहा कि किसानों को उनकी फसल का उचित मूल्य मिलना चाहिए और वर्तमान सरकार किसानों के विरोध में काम कर रही है.
कांग्रेस सांसद ने यह भी कहा कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतें कम होने के बावजूद डीजल के दाम लगातार बढ़ाए गए, जिससे किसानों पर आर्थिक बोझ बढ़ा है. उनका दावा था कि सरकार ने पेट्रोल-डीजल से जो राजस्व अर्जित किया, वह किसानों का कर्ज माफ करने के लिए पर्याप्त था.
जयप्रकाश ने कहा कि भाजपा सरकार में किसानों पर लाठियां बरसाई जा रही हैं, जिससे यह सरकार ब्रिटिश शासन की तरह कार्य कर रही है. उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि मनरेगा को कृषि से जोड़ा जाना चाहिए ताकि किसानों को अतिरिक्त सहायता मिल सके.
उन्होंने सवाल किया कि सरकार एमएसपी को कानूनी गारंटी क्यों नहीं बनाती? उनका कहना था कि अगर भाजपा MSP की कानूनी गारंटी नहीं देती तो इसे किसानों की सबसे बड़ी शत्रु माना जाएगा.
कांग्रेस सांसद ने प्रधानमंत्री किसान बीमा योजना में गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए कहा कि इसमें किसानों के बजाय कुछ गिने-चुने लोगों को लाभ मिल रहा है. कांग्रेस ने सरकार से स्पष्ट करने को कहा कि MSP को लेकर उसकी नीति क्या है और कृषि क्षेत्र के विकास के लिए ठोस कदम कब उठाए जाएंगे?
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