नई दिल्ली । कांग्रेस (Congress) ने गुरुवार को केंद्र सरकार (Central Government) पर तंज कसते हुए कहा कि उसकी ‘सत्ता की लालसा’ (‘Lust for power’) ने पूर्वोत्तर (Northeast) को उग्रवाद और अराजकता (Anarchy Extremism) की खाई (Abyss) में धकेल दिया (Pushed) है। कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा, “मोदी सरकार ने अब तक शांतिपूर्ण पूर्वोत्तर को अराजकता, उग्रवाद की खाई में धकेल दिया है।”
गुरुवार को केंद्र ने पूरे राज्य को ‘अशांत क्षेत्र’ घोषित करते हुए नागालैंड में सशस्त्र बल विशेष अधिकार अधिनियम (अफस्पा) को अगले साल 30 जून तक बढ़ा दिया।यह अधिनियम सुरक्षा बलों को बिना किसी पूर्व वारंट के अभियान चलाने और किसी को भी गिरफ्तार करने का अधिकार देता है। अगर वे किसी को गोली मारते हैं तो यह बलों को प्रतिरक्षा भी देता है।
इस महीने की शुरूआत में मोन जिले में सेना की एक इकाई द्वारा 14 नागरिकों को विद्रोही समझकर मारे जाने के बाद से नागालैंड के कई जिलों में अफस्पा को वापस लेने के लिए विरोध प्रदर्शनों के बीच यह कदम उठाया गया है।
23 दिसंबर को, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने नागालैंड में वर्तमान परिदृश्य पर चर्चा करने के लिए नागालैंड, असम के मुख्यमंत्रियों और राज्यों और मंत्रालय के अन्य अधिकारियों के साथ एक बैठक की और अफस्पा को वापस लेने पर विचार करने के लिए एक समिति बनाने का निर्णय लिया। समिति को 45 दिनों में अपनी रिपोर्ट देनी थी।
नागालैंड विधानसभा ने हाल ही में इस अधिनियम को हटाने के लिए एक सर्वसम्मत प्रस्ताव पारित किया है और यह उम्मीद की जा रही थी कि केंद्र स्थानीय लोगों के बीच भारी आक्रोश को देखते हुए सीमावर्ती क्षेत्रों में अफस्पा के अधिकार क्षेत्र को सीमित कर सकता है।
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