भोपाल। पिछले विधानसभा चुनाव से पहले 2 अप्रैल 2018 को ग्वालियर-चंबल में हिंसा करने वाले दंगाईयों के अगले विधानसभा चुनाव से पहले केस वापस होंगे। रविवार को ग्वालिर प्रवास के दौरान सामान्य और एससी वर्ग के लोगों ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से केस वापस लेने की गुहार लगाई है। मुख्यमंत्री ने दोनों वर्ग के लोगों को चर्चा के लिए भोपाल बुलाया है। संभवत: सरकार अगले विधानसभा चुनाव से पहले दंगाइयों के ऊपर दर्ज केस वापस लेने का फैसला ले सकती है। सरकार के इस कदम को चुनावी रणनीति से जोड़कर देखा जा रहा है। ग्वालियर-चंबल में पिछले विधानसभा चुनाव से पहले जबर्दस्त हिंसा हुई थी। इसमें ग्वालिर, भिंड, मुरैना में जनहानि भी हुई। साथ ही अन्य जिलों में भ्ीा हिंसा की वारदातें हुईं। पिछले चुनाव में भाजपा को ग्वालियर-चंबल में जबर्दस्त नुकसान उठाना पड़ा था। इसकी वजह भाजपा से ग्वालियर-चंबल में एक वर्ग खासा नाराज है। अब इस नाराजगी को दूर करने के लिए भाजपा हर संभव कोशिश कर रही है। ऐसे में ग्वालियर-चंबल में दंगाईयों के ऊपर दर्ज केस को वापस लेना भी इसी रणनीति का हिस्सा है। हालांकि सरकार ने दंगाईयों के ऊपर दर्ज केस वापस लेने का कोई निर्णय नहीं लिया है, लेकिन निकट भविष्य में इस तरह का निर्णय होने की पूरी संभावना है।
मुख्यमंत्री ने दोनों वर्ग के लोगों से की अलग-अलग चर्चा
मुख्यमंत्री ने रविवार प्रवास के दौरान एससी वर्ग और सामान्य वर्ग के पदाधिकारियों से अलग-अलग बैठक कर चर्चा की। इसके जरिए दोनों वर्ग को साधने की तैयारी है। दोनों वर्ग के लोगों ने केसों को वापस लिए जाने की मांग की गई। इस पर भी मुख्यमंत्री ने सकारात्मक संकेत दिए और कहा कि ग्वालियर-चंबल संभाग में अब नए युग की शुरुआत होने जा रही है। दोनों वर्ग साथ मिलकर चलेंगे।
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