इंदौर। आखिरकार इंदौर विकास प्राधिकरण (Indore Development Authority) ने योजना 77 में शामिल ग्राम खजरानी ( Village Khajrani) की लगभग पौने 2 लाख स्क्वेयर फीट जमीन (Land) का कब्जा श्रीमती भुलीबाई हीरालाल टांक ट्रस्ट से हांसिल कर लिया और अपने स्वामित्व का बोर्ड भी मौके पर लगा दिया। अग्निबाण ने ही सबसे पहले इस घोटाले (Scam) को उजागर किया था, उसके बाद कलेक्टर मनीष सिंह ( Collector Manish Singh) ने जांच (Investigation) करवाई और अभी एक जुलाई को आयोजित बोर्ड बैठक ( Meeting) में ट्रस्ट ( Trust) के साथ किए गए इकरारनामे को समाप्त करेत हुए कब्जा (Possession) लेने का निर्णय लिया गया, जिसके चलते प्राधिकरण सीईओ विवेक श्रोत्रिय ने 6 जुलाई को ट्रस्ट को नोटिस जारी करते हुए कब्जा सौंपने के निर्देश दिए और आज सुबह प्राधिकरण के भू-अर्जन अधिकारी नरेन्द्र पांडे ने अपनी टीम के साथ पहुंचकर 150 करोड़ रुपए मूल्य की इस बेशकीम ती जमीन का कब्जा (Possession) हासिल कर लिया। मौके पर जो व्यसायिक निर्माण चल रहा था उससे संबंधित सामान भी बाहर कर दिया गया।
प्रेस कॉम्प्लेक्स ( Press Complex) के पास और अयोध्यापुरी (Ayodhyapuri) के पीछे ग्राम खजरानी ( ( Village Khajrani)) के खसरा नम्बर 388/2/1, 388/2/2 और 388/2/3 की 1.684 हैक्टेयर यानी लगभग पौने 2 लाख स्क्वेयर फीट जमीन नगर सुधार न्यास ने श्रीमती भूली बाई ट्रस्ट (Trust) को दी। फिर यह जमीन ईंदूबाला पति बंकटलाल गुप्ता ट्रस्ट (Trust) के पास रही। प्राधिकरण से जो इकरारनामा किया गया उसके मुताबिक इस जमीन (Land) का उपयोग सिर्फ शैक्षणिक और स्वास्थ्य ही हो सकता है, लेकिन बाद में नगर तथा ग्राम निवेश से अभिन्यास मंजूर करवाया गया, जो कि वाणिज्यिक उपयोग का था। 24.06.2023 को प्रोफेशनल ऑफिसेस और चेम्बर उपयोग के इस अभिन्यास को पिछले दिनों कलेक्टर मनीष सिंह ( Collector Manish Singh) ने निरस्त करवाया। दरअसल अग्निबाण ने ट्रस्ट (Trust) को दी गई इस जमीन (Land) के वाणिज्यिक उपयोग को लेकर मामला उजागर किया, जिसके बाद प्राधिकरण ने जांच (Investigation) शुरू की और शिकायत सही पाए जाने पर अभी प्राधिकरण बोर्ड (authority board) ने ट्रस्ट (Trust) के साथ किए इकरारनामे को निरस्त कर जमीन का कब्जा सिंह ( Collector Manish Singh) ने जांच (Investigation) करवाई और अभी एक जुलाई को आयोजित बोर्ड बैठक ( Meeting) में ट्रस्ट ( Trust) के साथ किए गए इकरारनामे को समाप्त करेत हुए कब्जा (Possession) हासिल करने का निर्णय लिया। आज सुबह प्राधिकरण के भू-अर्जन अधिकारी नरेन्द्रनाथ पांडे और अन्य कर्मचारियों ने मौके पर पहुंचकर जमीन का कब्जा सिंह ( Collector Manish Singh) ने जांच (Investigation) करवाई और अभी एक जुलाई को आयोजित बोर्ड बैठक ( Meeting) में ट्रस्ट ( Trust) के साथ किए गए इकरारनामे को समाप्त करेत हुए कब्जा (Possession) हासिल किया और यह जमीन प्राधिकरण (Land Authority) के आधिपत्य व स्वामित्व की है इस आशय का बोर्ड भी लगा दिया। शहर के निजी बिल्डर (Private Builder) और उनके पार्टनरों ने वाणिज्यिक निर्माण के लिए गड्ढे खोदे थे, लेकिन बाद में पार्टनरों में भी विवाद हो गया, जिसके चलते काम रूका रहा और यहां जो एक साइड ऑफिस बनाया था उसमें कुर्सियां, टेबल, कूलर व अन्य सामान रखा था उसे भी कर्मचारियों ने कब्जा लेने से पहले बाहर कर दिया। अब 150 करोड़ रुपए मूल्य की यह जमीन प्राधिकरण के आधिपत्य में आ गई।
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