नई दिल्ली: देश भर में कई जगहों पर रामनवमी (Violence on Ram Navami) के दौरान हुई हिंसा का मामला अब सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) पहुंच चुका है. हिन्दुओं के लिए कार्य करने वाली संस्था हिंदू फ्रंट फॉर जस्टिस (Hindu Front for Justice) की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर जुलूस के दौरान हुए दंगों की जांच की मांग की गई. बीते दिनों पश्चिम बंगाल (West Bengal), बिहार (Bihar), महाराष्ट्र (Maharashtra), कर्नाटक (Karnataka), तेलंगाना (Telangana), गुजरात (Gujarat) में 30 मार्च को रामनवमी के दिन निकले जुलूस में दंगे हुए थे. याचिका में दंगों में घायल होने वाले भक्तों और उनकी संपत्ति को हुए नुकसान का हर्जाना देने की मांग की गई.
साथ ही याचिका में संगठन ने हिंसा प्रभावित राज्यों के मुख्य सचिवों से रिपोर्ट तलब करने की मांग भी की. याचिका में कहा गया कि जिन लोगों पर हिंसा फैलाने और संपत्ति को नुकसान पहुंचाने का आरोप है उनसे ही हर्जाना वसूला जाए. बता दें कि इससे पहले कलकत्ता उच्च न्यायालय ने सोमवार को पश्चिम बंगाल सरकार से हावड़ा में रामनवमी की रैली के दौरान हुई झड़पों पर बुधवार (5 अप्रैल) तक कार्रवाई रिपोर्ट मांगी थी.
यह आदेश राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी द्वारा घटना की राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) से जांच कराने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश टीएस शिवगणनम और न्यायमूर्ति हिरण्मय भट्टाचार्य की खंडपीठ ने दिया है. वहीं सुप्रीम कोर्ट में दायर नई याचिका में रामनवमी के दौरान शोभायात्रा की इजाजत देने को लेकर भी बड़ी मांग की गई है. संस्था ने अपने याचिका में मांग की है कि राज्य सरकारों को ये निर्देश दिया जाए कि किसी भी इलाके को सिर्फ मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्र बताकर हिन्दुओं की शोभायात्रा और जुलूसों को अनुमति देने से ना रोका जाए.
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