नई दिल्ली। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) ने मंगलवार को लगातार सातवें दिन वाराणसी में ज्ञानवापी परिसर का सर्वे जारी रखा। इस बीच मुस्लिम याचिकाकर्ताओं ने जिला अदालत के न्यायाधीश के सामने एक आवेदन दायर कर सर्वेक्षण के मीडिया कवरेज पर प्रतिबंध लगाने की मांग की है।
अंजुमन इंतजामिया कमेटी ने याचिका में कहा है कि ASI सर्वेक्षण अदालत के आदेश के मुताबिक चल रहा है और किसी भी अधिकारी द्वारा कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया गया है। लेकिन सोशल मीडिया, टेलीविजन और समाचार पत्रों पर सर्वेक्षण की लगातार कवरेज हो रही है। सर्वेक्षण की मीडिया कवरेज को ‘भ्रामक’ बताते हुए मुस्लिम पक्ष ने कहा कि इससे लोगों की राय प्रभावित होगी और इसे रोका जाना चाहिए। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक मुस्लिम पक्ष के वकील अखलाक अहमद ने कहा कि ASI के सर्वे की किसी भी तरह की बात बाहर आना सही नहीं है।
सर्वे के छठे दिन क्या हुआ?
सर्वेक्षण के छठे दिन ASI ने ज्ञानवापी परिसर के गुंबदों और तहखाने और उत्तरी दीवारों का भी सर्वेक्षण किया। एएसआई टीम 3D इमेजिंग उपकरणों सहित मशीनों के साथ सर्वे में जुटी है। परिसर की फोटोग्राफी भी की जा रही है। अधिवक्ताओं और वादी पक्ष को ASI सर्वेक्षण के बारे में चुप रहने का निर्देश दिया गया है। सर्वे के दौरान मुस्लिम पक्ष के लोग भी मौजूद रहे।
एक सरकारी वकील ने समाचार एजेंसी पीटीआई को बताया कि टीम ने खुद को तीन ग्रुप्स में विभाजित किया गया है और परिसर की उत्तरी दीवार, गुंबद और बेसमेंट का सर्वेक्षण किया गया है। हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने कहा कि कोर्ट के आदेश के मुताबिक परिसर के अंदर विस्तृत वैज्ञानिक अध्ययन किया जा रहा है. पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, एक अन्य वकील ने कहा कि एएसआई टीम सबूत इकट्ठा कर रही है और परिसर के गुंबद के अलावा तहखानों का भी सर्वेक्षण किया गया है।
अब तक क्या हासिल हुआ है?
इससे पहले एएसआई ने ज्ञानवापी परिसर की दीवारों और स्तंभों पर उकेरे गए त्रिशूल, स्वस्तिक, घंटी और फूल जैसे प्रतीक की तस्वीरें और वीडियो लिए थे। एएसआई अधिकारियों ने प्रतीकों की निर्माण शैली को भी दर्ज किया। 3 अगस्त को इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने अंजुमन इंतजामिया मस्जिद समिति की एक याचिका खारिज कर दी थी। निचली अदालत के उस आदेश के खिलाफ जिसमें एएसआई को मस्जिद का सर्वेक्षण करने का निर्देश दिया गया था। उच्च न्यायालय के आदेश को अगले दिन उच्चतम न्यायालय ने बरकरार रखा।
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