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    राजधानी के बदमाशों को वर्चस्व के लिए उर्फियत का सहारा

  • February 27, 2021

    • छिपकली खाने पर जहरीला पड़ा नाम तो बेदर्दी से हत्या करने पर हो गए डेंजर

    फराज़ शेख, भोपाल
    राजधानी में बदमाशी करने वाले तमाम अपराधियों के लिए उर्फियत के खास मायने वर्चस्प बड़ाने के लिए रहे हैं। अधिकतर बदमाशों को उनके निक नेम मतलब उर्फियत उनके कारनामों के हिसाब से मिली है। जिस तरह का कारनामा, उस हिसाब की उर्फियत। पुलिस को भी उर्फियत के कारण उनकी पहचान करना आसान होता है। यही कारण है कि कई बदमाशों को उपनाम पुलिस ने भी लिए हैं।

    दुर्दांत अपराधियों की उर्फियत से जुड़े किससे
    हाल ही में गौतम नगर थाना इलाके में कुख्यात अपराधी शादाब उर्फ जहरीला की निर्मम हत्या कर दी गई थी। शादाब को जहरीला उर्फियत उसके मोहल्ले में रहने वाले उसके पूर्व परिचितों और गुर्गों ने दी थी। जहरीला नाम के पीछे उसका खास किस्सा जुड़ा है। बताया जाता है कि करीब दस साल पहले उसे टीटी नगर पुलिस ने एक अपराध में गिरफ्तार किया था। पुलिस पर दबाव बनाने की नियत से उसने लॉकअप में एक छिपकली को खा लिया था। जिसके बाद में उसे अस्पताल पहुंचाया गया, हालांकि शादाब को छिपकली खाने के बाद कुछ भी नहीं हुआ था। बाद में उसके मोहल्ले के रहवासियों के बीच किस्से फैले कि शादाब छिपकली को पानी में उबालकर उसका पानी पीता है। जिस कारण उसे जहरीला कहा जाने लगा। वहीं शादाब को मौत के घाट उतारने वाला नदीम उर्फ बच्चा नाबालिग उम्र से अपराध कराता आ रहा था। जिस कारण अपराधियों के बीच उससे बच्चा कहकर पुकारा जाता था।

    • पिता का था मजिस्ट्रेट बनाने का सपना
      कुख्यात अपराधी रईस उर्फ रेडियो ने अपने बच्चों को शुरुआती दिनों में अपराध की दुनिया से दूर रखना चाहा था। उसने तीनों बेटों का भोपाल के एक प्रख्यात स्कूल में दाखिला कराया था। उसका मानना था कि नाम का असर बच्चों पर आता है, यही कारण था कि उसने अपने दूसरे नंबर के बेटे का निक नेम मजिस्ट्रेड रखा। बदमाश यासीन को पिता रईस मजिस्ट्रेड बनाने की चाह रखता था। हालांकि उसके बेटे पिता के कारनामों से प्रभावित थे। नाबालिग अवस्था से ही वह पिता को देख अपराध की दुनिया में आ गए। वहीं यासीन का छोटा भाई मुन्ना भाई की उर्फियत के कारण मुन्ना मजिस्ट्रेड के नाम से जाना जाने लगा है।
    • रंग रूप से मिली उर्फियत
      करोंद इलाके के कुख्यात गुंडे फैजान चिकना और असलम चिकना दोनों ही फेयर कलर तथा खूबसूरत हुआ करते थे। दोनों ही कम उम्र से अपराध करना शुरु किए, जिसके बाद शहर के अन्य बदमाशों ने इन्हें चिकना उर्फियत दी।
    • गोलू उर्फ तलवार
      शहीद नगर में रहने वाला गोलू उर्फ तलवार किसी समय में अपने दुश्मनों पर केवल तलवार से हमला करता था। इसी कारण उसे तलवार उर्फियत मिली। रहमत उर्फ गोलू तलवार पर मंडीदीप भोपाल सहित प्रदेश के कई जिलों में अपराध दर्ज हैं। फिलहाल वह ग्वालियर जेल में हत्या के प्रयास के मामले में सजा काट रहा है।
    • डेंजर नेे बेरहमी से की थी हत्या
      टीला जमालपुरा में रहने वाले कुख्यात आरोपी शाकिब उर्फ डेंजर ने करीब 16 साल पहले जावेब उर्फ भोईनाथ की गला काटकर बदर्दी से हत्या कर दी थी। इतना ही नहीं उसने जावेद की गर्दन, हाथ और पैर धड़ से अलग कर दिया था। इसके बाद सुपारी लेकर आरटीआई एक्सीवेस्ट शैहला की हत्या कराई थी।
    • दाढ़ी से मिली बदमाश जुबेर को पहचान
      अपराधी जुबैर उर्फ मौलाना दाढ़ी रखता है। जिस कारण उसे मौलाना उर्फियत मिली है। हालांकि मौलाना उर्फियत के साथ उसके मामा अकरम को भी जाना जाता है। वह भी पेशेवर अपराधी है। जुबैर फिलहाल जेल में बंद है।
    • थाने में चैलेंज कर भाग जाता था छू
      टीला जमालपुरा का बदमाश राजेश उर्फ छू चोरी करने में माहिर था। पुलिस कस्टडी से किसी भी तरह से भाग निकला था। कई बार हथकड़ी में जकड़कर उसे थाने में रखा गया, छू इसके बाद भी पुलिस को चकमा देकर फरार हो गया। यही कारण है कि उसे पुलिस ने छू उर्फि यत दी थी।

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