कई ने लिखित तो कई ने मौखिक शिकायत कर भितरघातियों को बाहर करने को कहा
इंदौर। कल एक प्रकरण के मामले में कोर्ट पेशी (Court appearance) पर आए पूर्व मुख्यमंत्री और राज्यसभा सदस्य दिग्विजयसिंह (Rajya Sabha member Digvijay Singh) को हारे हुए प्रत्याशियों ने घेर लिया और कांग्रेस (Congress) के ही लोगों पर चुनाव (Election) हराने के आरोप लगाए। कई ने उन्हें लिखित शिकायत दी और कई ने मौखिक रूप से बताया कि उनके साथ भितरघात हुआ।
कल जब दिग्विजसिंह अपने पुत्र जयवर्धनसिंह (Jaivardhan Singh) के साथ कोर्ट परिसर से निकलकर पालिका प्लाजा (Palika Plaza) की ओर जा रहे थे, तभी उन्हें कांग्रेस के हारे हुए प्रत्याशियों ने घेर लिया। उन्होंने कांग्रेस के नेताओं पर ही आरोप लगाया कि उन्होंने उनके साथ विश्वासघात कर हरवा दिया। वार्ड क्रमांक 72 से पूर्व मंत्री जीतू पटवारी समर्थक प्रकाश पटेल भाजपा के योगेश गेंदर से चुनाव हार गए, जबकि पटेल वहां से मजबूत प्रत्याशी थे। मंडल अध्यक्ष प्रवीण पाटनी और प्रकाश पटेल ने इसकी शिकायत दिग्गी को की और इसका आरोप सुरेश मिंडा और उनके पुत्र मनीष मिंडा पर लगाया। इसके साथ ही प्रतिद्वंद्वी प्रत्याशी योगेश गेंदर की मदद करने का आरोप शहर कांग्रेस अध्यक्ष विनय बाकलीवाल के नजदीकी शहर कांग्रेस प्रवक्ता धर्मेंद्र गेंदर पर लगाया। इसके साथ ही शिखा सुराना के वार्ड में नकुल पाटोदी की शिकायत की गई और कहा गया कि उन्होंने कांग्रेस प्रत्याशी की मदद ही नहीं की। सुराना संजय शुक्ला समर्थक थीं। वहीं एक अन्य हारे प्रत्याशी शैलेष कैमरे ने भी दिग्विजयसिंह से शिकायत की और पार्टी के कुछ नेताओं के नाम बताए, जिन्होंने उन्हें हरवाया। इसके अलावा कुछ और प्रत्याशियों ने भी दिग्विजयसिंह को पार्टी से भितरघात करने वालों को पार्टी से बाहर करने को कहा। उन्होंने अनुशासन कमेटी पर भी सवालिया निशान लगाए।
निष्क्रिय बनी रही अनुशासन कमेटी
चुनाव के पहले ही 12 मई को कांग्रेस ने अनुशासन कमेटी बनाई थी, जिसमें कृपाशंकर शुक्ला, श्यामसुंदर यादव, रमेश उस्ताद, पीडी अग्रवाल, सुरेश मिंडा, मनोहर धवन, चंदू अग्रवाल, भंवर शर्मा, पंकज संघवी, केके यादव, अनिल शुक्ला, प्रेम खड़ायता, शेख अलीम, राजेश शर्मा, अभय वर्मा, राजेश चौकसे, छोटे यादव, अमन बजाज, इम्तियाज बेलिम, सत्यनारायण सलवाड़िया के साथ शकुंतला बड़े जैसे नेता थे, लेकिन अधिकांश नेता अपने-अपने प्रत्याशियों को जिताने के लिए वार्ड में बंधकर रह गए थे या फिर उनके रिश्तेदार चुनाव लड़ रहे थे। इनमें से छोटे यादव खुद ही चुनाव लड़ रहे थे तो अनिल शुक्ला की बेटी साक्षी शुक्ला, शेख अलीम की पत्नी फौजिया अलीम, अभय वर्मा की रिश्तेदार चुनाव लड़ रही थीं। पूरी कमेटी चुनाव के दौरान निष्क्रिय बनी रही, जबकि कई नेताओं ने खुलकर भितरघात किया।
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