सभी वर्गों को साधने का प्रयास होगा
भोपाल। मुख्यमंत्री (CM) पद के लिए चौंकाने वाला नाम का फैसला तो हो गया, लेकिन अब मंत्रिमंडल का फैसला भी दिल्ली (Delhi) से ही होगा। मंत्रिमंडल में सभी वर्गों के साथ ही क्षेत्रों को भी प्रतिनिधित्व दिए जाने का प्रयास किया जाएगा।
मुख्यमंत्री पद पर पिछड़े वर्ग के प्रतिनिधित्व के बाद अन्य वर्गों को मंत्रिमंडल में प्रतिनिधित्व देने की तैयारी भी केन्द्रीय नेतृत्व ने कर ली है। जिस तरह से मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री पदों की घोषणा दिल्ली से की गई उसी तरह मंत्रिमंडल के सदस्यों की भी घोषणा दिल्ली से ही की जाएगी। यहां तक कि उनके विभागों का चयन भी दिल्ली से ही किया जाएगा। इसके लिए संघ और पार्टी नेतृत्व दोनों मिलकर अपने नाम साझा कर चुके हैं। पूर्व से मंत्रिमंडल में शामिल कई लोगों को अब इस बात की फिक्र होने लगी है कि उन्हें दोबारा मंत्रिमंडल का हिस्सा बनाया जाएगा या नहीं, क्योंकि नेतृत्व स्थापित लोगों के अलावा नए लोगों को मौका देने के मूड में नजर आ रहा है। यह भी बताया जा रहा है कि फिलहाल मंत्रिमंडल छोटा रखा जाएगा और लोकसभा चुनाव के बाद विस्तार किया जाएगा।
मोहन यादव की ताजपोशी से उज्जैन से लेकर उत्तरप्रदेश तक मनी खुशियां…
वैसे तो केन्द्रीय नेतृत्व ने यादव को मुख्यमंत्री (CM) बनाकर भाजपा ने यूपी और बिहार (Bihar) के यादव तथा पिछड़ा वर्ग के वोटों को साधने की कोशिश की है और यह तब सच साबित हुआ, जब मोहन यादव के मुख्यमंत्री बनने से उत्तरप्रदेश के यादव बहुल गांव सुल्तानपुर में खुशियां मनी और पटाखे फोड़े गए इसी तरह उज्जैन में भी कल दीवाली जैसा नजारा था। यहां फ्रीगंज घंटाघर पर हर्ष व्यक्त करते लोग इकट्ठा हुए और उन्होंने आतिशबाजी की।
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