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लॉकडाउन का बस संचालकों का 103 करोड़ का टैक्स माफ किया केबिनेट ने

June 09, 2022

  • जो बस संचालक टैक्स भर चुके उनका टैक्स आगे समायोजित होगा

उज्जैन। प्रदेश के बस संचालकों को लंबी लड़ाई और इंतजार के बाद आखिरकार सरकार ने बड़ी राहत दी है। राज्य सरकार ने बस संचालकों की मांग पर कल कैबिनेट बैठक में अप्रैल से जून 2021 तक का टैक्स माफ करते हुए समायोजन का आदेश जारी किया है। हालांकि इससे शासन को 103 करोड़ का नुकसान उठाना पड़ेगा, जिसका सीधा लाभ बस संचालकों को मिलेगा। उल्लेखनीय है कि कोरोना की दूसरी लहर के दौरान बसों के संचालन पर रोक न होने के बाद भी ज्यादातर शहरों में लॉकडाउन होने के कारण 80 प्रतिशत से ज्यादा बसें बंद थीं और जो चल रही थीं उन्हें भी यात्री नहीं मिल रहे थे। इसे देखते हुए बस संचालकों ने मांग की थी कि सरकार पहले लॉकडाउन की तरह दूसरे लॉकडाउन में भी बसों का टैक्स माफ करे। बस संचालकों की मांग पर मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने सितंबर में घोषणा की थी कि बस संचालकों का अप्रैल से जून 2021 तक का तीन माह का टैक्स माफ किया जाएगा। घोषणा के बाद सिस्टम पर इसे शून्य तो कर दिया गया था, लेकिन जो बस संचालक टैक्स जमा कर चुके थे, उनका टैक्स आगे समायोजित नहीं किया जा रहा था। वहीं जो बस संचालक परमिट या फिटनेस के लिए जा रहे थे उनका काम भी इस टैक्स को भरे बिना नहीं हो रहा था। बस संचालकों की लगातार मांग के बाद कल कैबिनेट में इस मुद्दे पर शासन ने टैक्स समायोजन की मंजूरी दी है। अब जो बस संचालक इस अवधि का टैक्स जमा कर चुके हैं उनका टैक्स आगे की अवधि में एडजस्ट किया जाएगा और जिन्होंने जमा नहीं किया था, उनके परमिट और फिटनेस के रुके हुए काम भी हो सकेंगे।



पहले लॉकडाउन में साढ़े पांच माह का टैक्स किया था माफ
इससे पहले भी सरकार ने पहले लॉकडाउन के समय बसों का संचालन बंद होने के चलते 1 अप्रैल 2020 से 15 अगस्त 2020 तक का टैक्स माफ किया था। इसे लेकर भी बस संचालकों ने लंबे समय तक मांग की थी और बसों का संचालन भी रोक दिया था। शासन द्वारा टैक्स माफी की घोषणा के बाद बसों का संचालन शुरू हो पाया था।

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