- खबर की खबर…मप्र को देना होंगे 1362.80 करोड़, महाराष्ट्र से कोई राशि नहीं लेंगे
इंदौर, अमित जलधारी। मोदी सरकार (Modi Government) ने 18036 करोड़ रुपए भारी-भरकम लागत वाली इंदौर-मनमाड़ रेल लाइन परियोजना मंजूर तो कर दी है, लेकिन इसके क्रियान्वयन में एक पेंच फंसा दिया है। तय किया गया है कि मप्र सरकार को रेल लाइन निर्माण के लिए केंद्र को 1362.80 करोड़ रुपए का अंशदान देना होगा, जबकि महाराष्ट्र सरकार से कोई राशि नहीं ली जाएगी।
मंगलवार को मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव की प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद यह तथ्य उभरकर सामने आया। प्रोजेक्ट की जो जानकारियां सामने आई हैं, उनमें साफ लिखा गया है कि मध्यप्रदेश को अपने हिस्से में रेल लाइन बिछाने की लागत की 10 प्रतिशत राशि खुद वहन करना होगी, जबकि महाराष्ट्र सरकार को कोई शेयर नहीं देना होगा। मध्यप्रदेश के हिस्से में रेल लाइन बिछाने पर करीब 13628.20 करोड़ रुपए खर्च होंगे। इस हिसाब से उसकी 10 प्रतिशत राशि, जो 1362.80 करोड़ रुपए होती है, मध्यप्रदेश सरकार को भुगतना होगी। इसके विपरीत महाराष्ट्र में रेल लाइन निर्माण पर 4408.05 करोड़ रुपए खर्च होंगे, लेकिन महाराष्ट्र सरकार से लागत भागीदारी की कोई शर्त नहीं रखी गई है। माना जा रहा है कि आगामी महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के मद्देनजर राज्य को केंद्र ने यह राहत दी है, जबकि मध्यप्रदेश के कई लाख करोड़ रुपए के कर्जे में होने के बावजूद प्रदेश सरकार पर और खर्च लाद दिया है। हालांकि प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान खुद मुख्यमंत्री इस तथ्य से अनजान दिखे और उन्होंने केंद्र द्वारा पूरा खर्च वहन करने की बात कही।
यह तय किया है केंद्र ने
इंदौर-मनमाड़ लाइन
मध्यप्रदेशमहाराष्ट्र
लंबाई 170.056 किमी 139.376 किमी
लागत 13628.20 करोड़ 4408.05 करोड़
लागत 5390.06 करोड़ 384.10 करोड़
लैंड एरिया 905.191 हेक्टेयर 796.104 हेक्टेयर
भागीदारी 10 प्रतिशत शून्य
दोहरी लाइन के हिसाब से बनेंगे पुल
मुख्यमंत्री ने इंदौर-मनमाड़ प्रोजेक्ट के लिए टास्क फोर्स बनाकर जमीन अधिग्रहण संबंधी प्रक्रिया जल्द पूरी करने की बात कही है। इसके अलावा रेल मंत्रालय ने तय किया है कि प्रोजेक्ट के तहत जो भी पुल-पुलियाएं या टनल बनेंगे, उन्हें अभी से दोहरी लाइन के हिसाब से बनाया जाएगा।