भोपाल। भूमि स्वामियों को झांसा देकर निजी बैंक से करोड़ों रुपये का लोन लेने वाले बिल्डर के खिलाफ मिसरोद पुलिस ने धोखाधड़ी का केस दर्ज किया है। प्रकरण में बैंक अफ सरों को भी आरोपी बनाया गया है। बिल्डर ने भूमि स्वामियों से एक प्रोजेक्ट का अनुबंध कर उनकी जमीन बैंक में गिरवी रखवा दी और प्रोजेक्ट भी पूरा नहीं किया। आरोपी की गिरफ्तारी के लिए पुलिस उसके संभावित ठिकानों पर दबिश दे रही है। आरोपी बैंक अधिकारियों की भी पुलिस तलाश कर रही है। टीआई का कहना है कि थाने की दो टीमें आरोपियों की तलाश में लगाई गई हैं। मिसरोद थाना प्रभारी निरंजन शर्मा के मुताबिक मामले की शिकायत रमेश कुमार भावनानी, शीतल देवी, पिनन चावला, रोशन चावला, दर्शन चावला समेत अन्य लोगों ने की थी। शिकायतकर्ताओं ने पुलिस को बताया कि उनकी करीब 23 एकड़ जमीन ग्राम समरधा में है। वर्ष 2009 में उन्होंने अपनी जमीन का अनुबंध एक प्रोजेक्ट के लिए सुनील मूलचंदानी से किया था। इस प्रोजेक्ट के तहत वर्ष 2014 तक करीब 2200 फ्लैट्स और शापिंग मॉल समेत अन्य निर्माण कार्य होना था। इसके लिए सुनील ने भूमि स्वामियों को झांसे में लेकर उक्त जमीन को डीएचएलएफ होम लोन फ ाइनेंस कंपनी में गिरवी रखवाकर 44 करोड़ का लोन ले लिया। प्रोजेक्ट पूरा नहीं हुआ तो दोबारा 44 करोड़ का लोन लिया गया। इसके बाद भी काम पूरा नहीं हुआ तो तीन साल पहले 100 करोड़ का लोन लिया, जिसमें से पहले वाला लोन पटाया गया। हालांकि इसके बाद भी प्रोजेट्क का काम पूरा नहीं हो पाया। इसके साथ ही बैंक द्वारा केवल तीन एनओसी जारी की गई थी, लेकिन सुनील ने फ र्जी एनओसी बनाकर कई रजिस्ट्रियां भी करवा दी। इस काम में बैंक कर्मचारियों की भी मिलीभगत रही। शिकायत की जांच के बाद पुलिस ने सुनील मूलचंदानी, गोपीचंद मूलचंदानी, डीएचएलएफ बैंक के निदेशक कपिल वाधवान, डायरेक्टर धीरज वाधवान समेत अन्य कर्मचारियों के खिलाफ धोखाधड़ी की विभिन्न धाराओं के तहत केस दर्ज कर मामले की जांच शुरु की है।
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