भोपाल। मप्र (MP) में खंडवा लोकसभा (Khandwa Lok Sabha) के साथ ही तीन विधानसभा सीटों पर उपचुनाव संभवत: सितंबर-अक्टूबर में हो सकते हैं। उधर प्रदेश की तीन विधानसभा सीटों (Assembly seats) को विधानसभा सचिवालय ने रिक्त घोषित कर दिया है। मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय के माध्यम से जोबट (Jobat), पृथ्वीपुर (Prithvipur) और रैगांव विधानसभा (Raigaon Assembly) सीट रिक्त होने की सूचना चुनाव आयोग भेज दी गई है। कोरोना महामारी (Corona epidemic) की स्थिति को देखते हुए जल्द उपचुनाव होने के आसार नहीं हैं। अधिकांश जिलों में संक्रमण की दर दस फीसद से अधिक है। चुनाव आयोग ने भी खंडवा लोकसभा (Khandwa Lok Sabha) सहित अन्य राज्यों की विधानसभा सीटों के उपचुनाव टाल दिए हैं। वहीं, जून में मानसून सक्रिय हो जाएगा और आमतौर पर इस सीजन में उपचुनाव नहीं कराए जाते हैं। वैसे भी तीनों विधानसभा सीट के अधिकांश क्षेत्र ग्रामीण हैं।
पिछले दिनों अनुसूचित जाति वर्ग के लिए आरक्षित रैगांव विधानसभा क्षेत्र से भाजपा विधायक जुगल किशोर बागरी का निधन हो गया था। विधानसभा सचिवालय ने रैगांव सहित जोबट और पृथ्वीपुर सीट को रिक्त घोषित करने की अधिसूचना जारी कर दी है। अब यहां चुनाव आयोग उपचुनाव कराएगा। इसके पहले खंडवा लोकसभा सीट सांसद नंदकुमार सिंह चौहान के निधन की वजह से रिक्त हुई थी।
आयोग अभी चुनाव कराने के पक्ष में नहीं
आयोग ने पिछले दिनों खंडवा सहित अन्य राज्यों की रिक्त लोकसभा और विधानसभा सीटों के उपचुनाव फिलहाल नहीं कराने का निर्णय लिया है। दरअसल, कोरोना संक्रमण की वजह से अधिकांश राज्यों में कफ्र्यू लागू है। ऐसे में चुनाव कराने से संक्रमण और फैल सकता है। सभी राजनीतिक दल भी इस बात पर सहमत हैं कि फिलहाल चुनाव टाले जाएं। नियमानुसार अधिकतम छह माह तक सीट रिक्त रह सकती है।
अक्टूबर के पहले चुनाव जरूरी
मप्र की तीनों विधानसभा सीटों के लिए उपचुनाव अक्टूबर के पहले कराए जाने हैं। अतिरिक्त मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी अरुण कुमार तोमर का कहना है कि चुनाव कब हों, यह आयोग परिस्थितियों को देखते हुए सभी दलों से विचार-विमर्श करके तय करता है। राज्य स्तर से निर्देशों का पालन कराया जाता है। वैसे आमतौर पर मानसूून के दौरान चुनाव नहीं कराए जाते हैं। उधर, विधानसभा के पूर्व प्रमुख सचिव भगवानदेव ईसरानी का कहना है कि छह माह तक सीटें रिक्त रखी जा सकती हैं। यह अवधि अक्टूबर में समाप्त होगी। इसके पहले कोरोना की स्थिति को देखते हुए चुनाव कराए जा सकते हैं। मानसून में व्यवस्थाएं प्रभावित होती हैं इसलिए चुनाव नहीं कराए जाते हैं पर विशेेष परिस्थितियों में आयोग निर्णय ले सकता है।
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