• img-fluid

    इकोनॉमी को लेकर आया सबसे बड़ा अनुमान, GDP को इतना हो सकता है नुकसान

  • August 26, 2024

    नई दिल्ली: बीते कुछ समय से देश की इकोनॉमी और जीडीपी के आंकड़ों को लेकर अच्छी खबरें ही सामने आई है. काफी समय के बाद कोई अनुमान ऐसा आया है जो देश की सरकार और आम लोगों के मूड को खराब कर सकता है. विदेशी एजेंसी रॉयटर्स के एक पोल के अनुसार भारत की जीडीपी के पहले तिमाही के आंकड़ें 7 फीसदी से भी नीचे रह सकते हैं. विदेशी एजेंसी के अनुसार जून के महीने में देश के लोकसभा चुनाव खत्म हुए हैं. चुनाव की वजह से देश में सरकारी खर्च में काफी कमी देखने को मिली है. जिसकी वजह से अप्रैल से जून तिमाही में जीडीपी की ग्रोथ में कमी की संभावना जताई गई है.

    लगातार तीसरी देश के प्रधानमंत्री बनने वाले नरेंद्र मोदी की सरकार ने कैपिटल एक्सपेंडिचर में काफी खर्च किया है. जिसकी वजह से पहले की तिमाहियों में देश की इकोनॉमी की ग्रोथ 7 फीसदी या फिर उससे ज्यादा रही है. हालाँकि, संसदीय चुनावों से पहले सार्वजनिक खर्च पर रोक लगाने से ग्रोथ को नुकसान हुआ है. जबकि मोदी के नेतृत्व वाली भारतीय जनता पार्टी सत्ता में वापस आ गई है, लेकिन इस बार सरकार बहुमत की नहीं बल्कि गठबंधन की है. आइए आपको भी बताते हैं कि आखिर विदेशी एजेंसी की ओर से किए गए पोल में क्या कहा गया है.

    रॉयटर्स पोल के अनुसार अप्रैल-जून तिमाही में, जीडीपी में वार्षिक 6.9 फीसदी ग्रोथ का अनुमान लगाया गया है. जो पिछली तिमाही के 7.8 फीसदी के मुकाबले कम है. रॉयटर्स पोल में 52 अर्थशास्त्रियों को शामिल किया गया था जोकि 19-26 अगस्त को किया गया था. सर्वे में अर्थशास्त्रियों की ओर से 6 से 8.1 फीसदी के बीच का अनुमान लगाया गया है. सरकार शुक्रवार यानी 30 अगस्त को अप्रैल-जून तिमाही के आंकड़ों की घोषणा करने वाली है. अगर रॉयटर्स पोल का पूर्वानुमान सही साबित होता है तो भी भारत दुनिया की सबसे तेज इकोनॉमी बनी रहेगी. पिछली कुछ तिमाहियों के दौरान देश की आधिकारिक ग्रोथ पूर्वानुमानों से अधिक रही है.


    एएनजेड के अर्थशास्त्री ने कहा कि सरकारी खर्च में कमी केंद्र और राज्यों दोनों के लिए अहम थी, खासकर कैपिटल एक्सपेंडिचर के मोर्चे पर। इसलिए, ग्रोथ में मंदी का अस्थायी तत्व है. हालांकि पर्सनल कंजंप्शन ग्रोथ पिछली तिमाही की तुलना में बेहतर देखने को मिली और कुल मिलाकर मैन्युफैक्चरिंग और नॉन पब्लिक स्टेबल देखी गई. उन्होंने कहा कि वह इस बात पर नजर रखेंगे कि पर्सनल कंजंपशन में कितना सुधार देखने को मिलता है. यही वो आधार है जो इस बात की ओर इशारा करेगा कि आने वाली तिमाहियों में ग्रोथ कितनी बेहतर देखने को मिलेगी.

    वैसे आने वाले दिनों में ग्रोथ रेट थोड़ी धीमी रह सकती है. मौजूदा वित्त वर्ष में 7 फीसदी और अगले वित्त वर्ष में ग्रोथ रेट 6.7 फीसदी रहने का अनुमान लगाया गया है. जबकि पिछली तिमाही में आर्थिक वृद्धि 8 फीसदी के करीब थी. उपभोग को बढ़ावा देने के लिए, सरकार ने चुनाव के बाद अपने पहले बजट में ग्रामीण खर्च और रोजगार सृजन के लिए अरबों डॉलर आवंटित किए। नवीनतम सरकारी अनुमानों के अनुसार इस वित्तीय वर्ष में अर्थव्यवस्था 6.5-7.0 फीसदी बढ़ने की उम्मीद है.

    सोसाइटी जनरल में भारत के अर्थशास्त्री ने कहा हम घरेलू मांग में मामूली सुधार की उम्मीद करते हैं, हालांकि यह अभी तक विकास के महत्वपूर्ण चालक के रूप में नहीं उभरा है. कोर इंफ्लेशन में निरंतर कमजोरी से पता चलता है कि वास्तविक उपभोग में सुधार अभी भी कुछ तिमाहियों से दूर है . वैसे जुलाई में देश की रिटेल महंगाई 3.54 फीसदी देखने को मिली थी. वहीं मौजूदा वित्त वर्ष और अगले वित्त वर्ष में औसतन 4.5 फीसदी के आसपास रहने की उम्मीद है.

    Share:

    अवंतिका एक्सप्रेस में यात्रियों की सुविधा के लिए कई बदलाव किए

    Mon Aug 26 , 2024
    टायलेट के बाहर स्क्रैपर मेट, बेसिन में नल सहित कई नए बदलाव उज्जैन। पश्चिम रेलवे के रतलाम रेल मंडल ने इंदौर-मुंबई के बीच प्रतिदिन चलने वाली अवंतिका एक्सप्रेस के कोचों की सुविधाओं को अपग्रेड किया गया है। इसके तहत कोचों के भीतर-बाहर कई बदलाव कर उन्हें ज्यादा सुविधाजनक बनाया गया है। एसी और नॉन एसी […]
    सम्बंधित ख़बरें
  • खरी-खरी
    सोमवार का राशिफल
    मनोरंजन
    अभी-अभी
    Archives
  • ©2024 Agnibaan , All Rights Reserved