नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने देश में रिसर्च और अनुसंधान (Research) की संस्कृति को बढ़ावा देने पर जोर देते हुए कहा कि स्मार्ट इंडिया हैकथॉन (Smart India Hackathon) जनभागीदारी (public participation) का बेहतरीन उदाहरण (excellent example) बन गया है। उन्होंने इस प्रतियोगिता में भाग लेने वालों को अपने ‘जय अनुसंधान’ नारे का ध्वजवाहक करार दिया।
प्रधानमंत्री गुरुवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए स्मार्ट इंडिया हैकथॉन 2022 के ग्रैंड फिनाले को संबोधित कर रहे थे। प्रधानमंत्री ने कहा कि वह युवा पीढ़ी के लिए आत्मविश्वास से भरे हैं। देश बड़े संकल्पों पर काम कर रहा है कि आजादी के 100 साल बाद हमारा देश कैसा होगा। आप इन संकल्पों की पूर्ति के लिए ‘जय अनुसंधान’ के नारे के ध्वजवाहक हैं। मोदी ने युवा नवप्रवर्तकों की सफलता और अगले 25 वर्षों में देश की सफलता के साझा पथ को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि , “आपकी अभिनव मानसिकता अगले 25 वर्षों में भारत को शीर्ष पर ले जाएगी।”
आकांक्षी समाज के बारे में अपने स्वतंत्रता दिवस उद्घोषणा का एक बार फिर उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि यह आकांक्षी समाज आने वाले 25 वर्षों में एक प्रेरक शक्ति के रूप में कार्य करेगा। इस समाज की आकांक्षाएं, सपने और चुनौतियां नवप्रवर्तकों के लिए कई अवसर लेकर आएंगी। प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले 7-8 सालों में देश एक के बाद एक क्रांति के जरिए तेजी से आगे बढ़ रहा है। मोदी ने कहा, “आज भारत में बुनियादी ढांचे की क्रांति हो रही है। भारत में आज स्वास्थ्य क्षेत्र में क्रांति हो रही है। आज भारत में डिजिटल क्रांति हो रही है। भारत में आज टेक्नोलॉजी क्रांति हो रही है। आज भारत में प्रतिभा क्रांति हो रही है।”उन्होंने कहा कि आज हर क्षेत्र को आधुनिक बनाने पर ध्यान दिया जा रहा है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि हर रोज नए क्षेत्र और चुनौतियां नवोन्मेषी समाधान तलाश रही हैं। उन्होंने नवोन्मेषकों से कहा कि वे कृषि संबंधी मुद्दों का समाधान खोजें। उन्होंने युवा नवोन्मेषकों से कहा कि वे हर गांव में ऑप्टिकल फाइबर और 5जी की शुरुआत, दशक के अंत तक 6जी की तैयारी और गेमिंग इकोसिस्टम को बढ़ावा देने जैसी पहलों का पूरा लाभ उठाएं। उन्होंने कहा कि भारतीय नवाचार हमेशा सबसे अधिक प्रतिस्पर्धी, किफायती, टिकाऊ, सुरक्षित और बड़े पैमाने पर समाधान प्रदान करते हैं। इसलिए दुनिया उम्मीद की नजर से भारत की ओर देख रही है।
प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि भारत में नवाचार की संस्कृति को बढ़ाने के लिए हमें दो चीजों पर लगातार ध्यान देना होगा पहला सामाजिक समर्थन और दूसरा, संस्थागत समर्थन। प्रधानमंत्री ने इस बात पर प्रकाश डाला कि समाज में नवाचार को एक पेशे के रूप में स्वीकार किया गया है और ऐसे में हमें नए विचारों और मूल सोच को स्वीकार करना होगा। प्रधानमंत्री ने कहा, “अनुसंधान और नवाचार को काम करने का तरीके से जीवन जीने का तरीका बनाना होगा।”
प्रधानमंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति में नवोन्मेष के लिए मजबूत आधार तैयार करने का रोडमैप है। अटल टिंकरिंग लैब और आई-क्रिएट हर स्तर पर इनोवेशन को बढ़ावा दे रहे हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि 21वीं सदी का आज का भारत अपने युवाओं पर भरपूर भरोसा करते हुए आगे बढ़ रहा है। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि इसके परिणामस्वरूप आज नवाचार सूचकांक में भारत की रैंकिंग बढ़ी है। पिछले 8 वर्षों में पेटेंट की संख्या में 7 गुना वृद्धि हुई है। प्रधानमंत्री ने कहा कि यूनिकॉर्न की संख्या भी 100 को पार कर गई है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज की युवा पीढ़ी समस्या का त्वरित और स्मार्ट समाधान लेकर आगे आ रही है। उन्होंने कहा कि इस तरह के हैकथॉन के पीछे सोच यह है कि युवा पीढ़ी को समस्याओं का समाधान मुहैया कराना चाहिए और युवाओं, सरकार और निजी संगठनों के बीच यह सहयोगात्मक भावना ‘सबका प्रयास’ का एक बेहतरीन उदाहरण है। (एजेंसी, हि.स.)
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