इंदौर। हाईकोर्ट इंदौर की डबल बैंच ने पिछले दिनों प्राधिकरण के खिलाफ योजना 135 और 114 पार्ट-2 की बेशकीमती जमीनों को लेकर फैसला दिया था, जिसमें धारा 17 को लागू करते हुए किए गए जमीन अधिग्रहण को अवैध बताते हुए इन जमीनों को मुक्त करने के आदेश दिए, जिसके खिलाफ प्राधिकरण ने सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी लगाई और पिछले दिनों योजना 135 पर और उसके बाद अभी 114 पार्ट-2 की जैन नर्सरी सहित अन्य पर भी स्टे मिल गया। एबी रोड पर जैन नर्सरी सहित लगभग 8 से 9 एकड़ दो योजनाओं की जमीनों पर हाईकोर्ट फैसले के बाद निगम को करोड़ों रुपए की इन जमीनों को छोडऩा पड़ता, जिसके चलते उसने सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी लगाई, जिसमें हाईकोर्ट के 46 पेज के विस्तृत आदेश को चुनौती दी गई और पिछले दिनों सुप्रीम कोर्ट ने योजना 134 के दो प्रकरणों में स्टे दे दिया था, उसका खुलासा अग्निबाण ने किया भी था।
अब उसके बाद अभी सुप्रीम कोर्ट ने योजना 114 पार्ट-2 की जैन नर्सरी, बंसल, मनोहरलाल मामले में भी स्टे दे दिया है। इसी तरह का एक और प्रकरण अभी सुप्रीम कोर्ट में लम्बित है। मगर चूंकि योजना 135 के साथ 114 पार्ट-2 में स्टे मिल गया है। लिहाजा अन्य प्रकरण में भी यही स्थिति रहने की संभावना अधिक है। दूसरी तरफ प्राधिकरण ने क्यूसर हॉक को नोटिस जारी कर आज दोपहर तक जवाब मांगा, तो इसी तरह योजना 171 में ही शामिल रही देवी अहिल्या गृह निर्माण संस्था की जमीन, जो कि बैस टेक इंडिया प्रा.लि. ने खरीदी, उसको लेकर भी नोटिस जारी किया जा रहा है। यह जमीन संस्था ने श्रीकृपागृह निर्माण को भी बेची और उसके बाद यह बैस टेक इंडिया के पास आ गई।
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