उज्जैन। मंडी में अब गेहूँ का सीजन धीरे-धीरे कमजोर होता जा रहा है अब गेहूं की आवक 10 हजार बोरी के अंदर सिमटने लगी है, वहीं समर्थन मूल्य खरीदी के केंद्र सूने पड़े हैं। इस बार गेहूँ की फसल बंपर हुई है लेकिन मंडी और समर्थन मूल्य खरीदी केंद्रों पर गेहँू ज्यादा मात्रा में नहीं पहुंचा मंडी में जहां अधिकतम आंकड़ा 40 हजार तक पहुंचा था वहीं समर्थन मूल्य खरीदी केंद्रों पर भी इस बार पूरे सीजन में पिछले बार की अपेक्षा आदि खरीदी में नहीं हुई है। इसका मुख्य कारण यह है कि इस बार विदेशों में व्यापारियों ने गेहूं खूब निर्यात किया जिसके चलते मंडी में नीलामी में ही गेहूं के भाव 2100 से 22 00 तक चले इसी के चलते किसान समर्थन मूल्य केंद्रों पर अपनी उपज बेचने नहीं पहुंचे।
इसका फर्क समर्थन मूल्य की इस बार की शासकीय खरीदी पर पड़ा है। पिछले दो दिनों की बात की जाए तो समर्थन मूल्य केंद्रों पर मात्र ढाई सौ क्विंटल गेहूं ही बिकने आया, जबकि सरकार ने उचित दामों पर गेहूँ लेने के लिए जिलेभर में 178 केंद्र बनाए लेकिन अब यह सभी केंद्र सूने पड़े हैं और मंडी जहां पूर्व में 25 हजार से लेकर 35 हजार बोरी तक प्रतिदिन गेहूं आ रहा था। जो अब 10 हजार के अंदर सिमट गया है। कुल मिलाकर गेहूं का सीजन खत्म होने वाला है और इस बार चने की फसल भी कम हुई थी। इस कारण मंडी में चने की आवक 500 से 700 बोरी ही अधिकतम रह गई है।
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