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    बाघों का इलाका ग्रीन बेल्ट ही रहेगा, बड़े तालाब के आसपास नहीं होगा निर्माण

  • June 03, 2023

    • भोपाल के विकास का खाका तैयार

    भोपाल। मध्य प्रदेश सरकार ने राजधानी भोपाल के विकास का संशोधित प्रारूप शुक्रवार को जारी कर दिया। मास्टर प्लान-2031 का ड्रॉफ्ट तीन साल में दूसरी बार जारी किया गया है। इससे पहले 10 जुलाई 2020 को जारी जारी ड्रॉफ्ट में सुझाव और पर्यावरण संरक्षण को ध्यान में रखकर सरकार ने संशोधन करने का निर्णय लिया था। भोपाल मास्टर प्लान को 35 लाख आबादी को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है। इस पर दावे-आपत्ति बुलाने के लिए 30 दिन का समय दिया गया है। मास्टर प्लान के संशोधित ड्रॉफ्ट में वेटलैंड अथॉरिटी द्वारा भोज वेटलैंड के लिए तैयार नियमों को सम्मिलित किया गया है। इन नियमों के अनुसार बड़े तालाब एवं उसके आसपास के क्षेत्र में कोई ऐसी गतिविधि संचालित नहीं की जा सकेगी, जिससे तालाब पर विपरित प्रभाव पड़े। मास्टर प्लान-2031 के ड्रॉफ्ट में भूमि उपयोग मानचित्र की त्रुटि को सुधार कर क्षेत्रफल को 3541.09 हेक्टेयर से 3872.43 हेक्टेयर किया गया है। डॉफ्ट में बड़े तालाब के दक्षिणी ओर एफटीएल से लगकर बरखेड़ी कला, गौरा, बरखेड़ा नाथु होकर इंदौर मार्ग पर खजूरी सड़क तक प्रस्तावित 45.0 मीटर का 15.7 किलोमीटर मार्ग के प्लान को हटा दिया गया है। दरअसल सड़क निर्माण और उसके दोनों तरफ होने वाली गतिविधियां बड़ी झील के जीवों-पक्षियों और इकोलॉजी को नकारात्मक रूप से प्रभावित करती।

    मिश्रित उपयोग के लिए 18 मीटर सड़क अनिवार्य
    भोपाल के मास्टर प्लान में मिश्रित उपयोग के लिए सड़क की चौड़ाई को लेकर कोई प्रावधान नहीं था। मास्टर प्लान-2031 में 12 मीटर सड़क पर मिश्रित उपयोग करने का प्रस्ताव रखा गया। इस चौड़ाई की अधिकतर सड़के कॉलोनी की होती है, जिससे रिहायशी इलाके में कमर्शियल गतिविधियों बढऩे से प्रदूषण, पार्किग और भीड़ भाड़ की स्थिति निर्मित होगी। इसको देखते हुए मिश्रित उपयोग के लिए सड़क की चौड़ाई 18 मीटर अनिवार्य की गई है।


    अरेरा कॉलोनी और चूनाभट्टी आवासीय
    शहर के पॉश इलाके अरेरा कॉलोनी, चूनाभट्टी, विजय नगर को पिछले मास्टर प्लान में आवासीय क्षेत्र घोषित किया गया है। मास्टर प्लान-2031 के ड्रॉफ्ट में इन क्षेत्र में उच्च एफएआर के साथ ही मिश्रित गतिविधियों को भी प्रस्तावित किया गया था। इन क्षेत्रों के लिए मिश्रित उपयोग गतिविधियों और एफएआर के मापदंडों को संशोधित किया गया है। अब यह क्षेत्र आवासीय ही रहेंगे। यहां पर कमर्शियल गतिविधियां बैन रहेगी।

    टीओडी कॉरिडोर की मेट्रो से दूरी कम की
    मास्टर प्लान-2031 में मेट्रो रेल के दोनों तरफ ट्रांजिट ओरिएंटेड डेवलपमेंट (टीओडी) पॉलिसी के तहत 500 मीटर में मिश्रित गतिविधि (आवासीय व व्यवसायिक) प्रस्तावित किया गया था। इससे 2 हजार 398 हेक्टेयर क्षेत्र में मिश्रित गतिविधियां होती। इससे शहरी अधोसंरचना जैसे सड़क, जलापूर्ति, जल निकासी आदि पर दबाव पड़ेगा। इसलिए इसे अब कम करके मेट्रो रेल के दोनों तरफ टीओडी कॉरिडोर 100 मीटर कर दिया गया। जिससे अब 514.25 हेक्टर क्षेत्रफल में भी मिश्रित गतिविधियां हो सकेंगी।

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