इंदौर। एक तरफ बहुप्रतिक्षित मास्टर प्लान (master plan) के प्रारुप प्रकाशन की सुगबुगाहट चल रही है, तो दूसरी तरफ इंदौर (Indore) मेट्रो पॉलिटन रीजन (Metropolitan Region) के गठन का काम भी जारी है। मुख्यमंत्री (CM) के निर्देश पर क्षेत्रफल में जो वृद्धि पिछले दिनों की थी उसकी पुष्टि अभी प्राधिकरण बोर्ड ने भी कर दी और संकल्प के साथ प्रस्ताव नगर तथा ग्राम निवेश को भेजा जा रहा है। कंसल्टेंट फर्म द्वारा प्रारम्भिक रिपोर्ट भी तैयार कर ली गई है और उसके आधार पर मेट्रो पॉलिटन रीजन में शामिल किए गए इंदौर सहित पांचों जिलों की कुल जमीनों की मैपिंग और सर्वे का काम भी शुरू किया गया है। अब इंदौर मेट्रो पॉलिटन रीजन का क्षेत्रफल 631.40 वर्ग किलोमीटर से बढ़ाते हुए 9336.10 वर्ग किलोमीटर तय कर दिया गया है।
इंदौर कलेक्टर आशीष सिंह ने पिछले दिनों आयुक्त ससंचालक नगर तथा ग्राम निवेश भोपाल को भी तय किए गए क्षेत्रफल के मुताबिक इंदौर-उज्जैन मेट्रो पॉलिटन रीजन के गठन के संबंध में पत्र लिखा था। दरअसल, इंदौर विकास प्राधिकरण को इसकी जिम्मेदारी सौंपी गई है और गत वर्ष प्राधिकरण बोर्ड ने अपने संकल्प क्रमांक 174 दिनांक 30.10.2024 के द्वारा मेहता एंड एसोसिएट एलएलपी इंदौर को कंसल्टेंट नियुक्त किया था और उसके बाद फिर संकल्प क्रमांक 55 के जरिए आईएमआर का प्रस्तावित क्षेत्रफल 6631.40 वर्ग कि.मी. के मुताबिक कंसल्टेंट को कार्य सौंपा गया। मगर पिछले दिनों मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इसका क्षेत्रफल और बढ़वा दिया। इंदौर और उसके निकटस्थ शहरी क्षेत्र उज्जैन, देवास, सांवेर, महू के साथ धार और शाजापुर का भी कुछ क्षेत्र जुड़वाया, ताकि औद्योगिक, वाणिज्यिक, यातायात प्रबंधन के अलावा इन सभी क्षेत्रों का समग्र विकास हो सके। नतीजतन अब इंदौर मेट्रो पॉलिटन रीजन यानी आईएमआर का क्षेत्रफल 9336.10 वर्ग किलोमीटर तय कर दिया है और इसकी पुष्टि अभी प्राधिकरण बोर्ड की बैठक में भी हो गई। यह भीउल्लेखनीय है कि इंदौर के साथ-साथ भोपाल मेट्रो पॉलिटन रीजन का भी काम चल रहा है। मगर उसकी प्रोग्रेस इंदौर की तुलना में अभी कम ही है। इंदौर को लेकर जो कंसल्टेंट फर्म ने अपनी प्रारम्भिक रिपोर्ट सौंपी है उसके आधार पर सभी पांचों जिलों में शामिल जमीनों की मैपिंग और सर्वे का काम भी शुरू कर दिया गया है। 1756 गांवों की कुल 9336 वर्ग किलोमीटर जमीन शामिल की गई है। जो कि इन जिलों की कुल जमीनों का लगभग 60 फीसदी है। इसमें इंदौर जिले को तो 100 प्रतिशत शामिल किया गया है, जिसके 690 गांवों का 3901.6 वर्ग किलोमीटर का हिस्सा शामिल है। यानी सांवेर, राऊ, मल्हारगंज, खुड़ैल, कनाडिय़ा, इंदौर, हातोद, देपालपुर, महू, भिचौली हप्सी सहित सभी तहसीलें शामिल की गई हैं। उसके बाद उज्जैन शहर का भी 100 फीसदी, मगर उसके आसपास की तहसीलों का 75 प्रतिशत से लेकर 36 प्रतिशत तक का हिस्सा लिया गया है। उज्जैन जिले के 512 गांवों में2740 वर्ग किलोमीटर का हिस्सा मेट्रो पॉलिटन रीजन में शामिल रहेगा। इसी तरह देवास शहर का भी 100 फीसदी, तो बाकी जिलों में 99 फीसदी तक हिस्सा आईएमआर में मौजूद रहेगा। इसमें हाटपीपल्या, सोनकच्छ, टोंकखुर्द में 42 से लेकर 61 फीसदी हिस्सा लिया गया है और देवास जिले के कुल 444 गांवों का 2086.3 वर्ग किलोमीटर एरिया आईएमआर का हिस्सा होगा। इसी तरह धार जिले के 107 गांव का 574.4 वर्ग किलोमीटर का एरिया जोड़ा गया है, जिसमें धार का 24.70, पीथमपुर का 24.33 और बदनावर का 10.32 प्रतिशत हिस्सा होगा। वहीं पांचवां जिला शाजापुर है। हालांकि इसका सिर्फ 2.15 प्रतिशत हिस्सा ही आईएमआर में लिया गया है, जिसमें जिले के कुल 3 गांव ही शामिल हैं और मात्र 33.3 प्रतिशत एरिया इन गांवों का शामिल किया गया है। ये वो एरिया हैं जो आईएमआर की सीमा से जुड़े हुए हैं। इन पांचों जिलों की जो जमीनें रीजन में शामिल की गई है अब उनकी मैपिंग और सर्वे का काम नगर तथा ग्राम निवेश, राजस्व का अमला कर रहा है। मुख्यमंत्री की मंशा है कि जल्द ही इस पर अमल भी शुरू हो जाए।
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