आष्टा। गुरुवार को भोपाल इंदौर मार्ग पर के पास मेहतवाड़ा के पास बिलपान में स्थित देवबड़ला में पुरातत्व विभाग की टीम ने केमिकल ट्रीटमेंट का अवलोकन किया, इस अवसर पर समिति के सदस्य भी मौजूद रहें । बता दें कि मां नेवज नदी के उद्गम स्थल व पुरातात्विक धरोहर देवांचल धाम देवबड़ला बिलपान पुरातत्व विभाग ने अब तक की खुदाई में 12 मंदिरों के बेस व अवशेष एवं 50 से भी ज्यादा अद्भुत अलौकिक मूर्तियां मिल चुकी है, मंदिर समिति के अध्यक्ष ओंकार सिंह भगत व विजेंद्र सिंह भाटी ने बताया खुदाई में मिले हुए अवशेषों को जोड़कर पुरातत्व विभाग द्वारा पहला मंदिर शिव जी का बनकर तैयार हो चुका है। जिसमें केमिकल ट्रीटमेंट का कार्य शुरू करवाया गया है, केमिकल ट्रीटमेंट कार्य का निरीक्षण करने भोपाल से रासायनाज्ञ गौतम पाटिल व राजेश पाराशर ने देवबड़ला पहुंचकर चल रहे कार्य का अवलोकन किया। आगे के दिशानिर्देश दिए केमिकल ट्रीटमेंट के बाद में ये मंदिर पहले की तरह दिखाई देगा जैसे कि हम परमार कालीन मंदिरों को देखते हैं, उसी स्वरूप में यहां मंदिर लौट जाएगा।
मंदिरों को पुराने स्वरूप में लौटाया जाएगा
यहां पर पुरातत्व विभाग 2016 से खुदाई करें कर रहा है, पिछले दिनों एक मंदिर बंद कर भी तैयार थे और दूसरे का निर्माण कार्य शुरू कर दिया गया। यहां पर मंदिरों के निर्माण के बाद पर्यटन की संभावनाएं बढ़ गई है जल्दी है, स्थान पुराने स्वरूप में नजर आएगा जब सभी मंदिर बन जाएंगे। तो यहां पर आने वाले श्रद्धालुओं की और संख्या बढ़ जाएगी। बता दें कि जैसे-जैसे लोगों को यहां मंदिर और मूर्तियां निकलने की जानकारी लगती है, वैसे वैसे ही यहां बड़ी संख्या में लोग रोज इस अद्भुत स्थान को देखने पहुंचते हैं, आप खुद आश्चर्य करिए कि जब परमार कालीन इतने सारे मंदिर पुराने स्वरूप में लौट आएंगे तो कितना अलौकिक स्थान रहेगा मंदिर समिति भी निर्माण कार्य के दौरान पुरातत्व विभाग की पूरी सहायता कर रही है।
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