भोपाल। कोरोना संक्रमण के चलते प्रभावित हुई शिक्षा व्यवस्था को देखते हुए मप्र राज्य शिक्षा केन्द्र ने बड़ा निर्णय लिया है। इस वर्ष प्रदेश के सरकारी स्कूलों में कक्षा पहली से आठवीं तक के छात्रों का वार्षिक मूल्यांकन वर्कशीट के आधार पर होगा। इस संबंध में राज्य शिक्षा केन्द्र ने शुक्रवार देर शाम को निर्देश जारी कर दिए हैंं।
राज्य शिक्षा केंद्र ने माध्यमिक शिक्षा मंडल से संबद्ध सभी शासकीय शालाओं में शिक्षण सत्र 2020 -21 में कक्षा एक से आठवीं तक के विद्यार्थियों के अर्धवार्षिक मूल्यांकन (प्रतिभा पर्व) एवं वार्षिक मूल्यांकन के संबंध में दिशा-निर्देश जारी किए हैं। राज्य शिक्षा केंद्र आयुक्त लोकेश कुमार जाटव ने इस संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि इसके लिए छमाही परीक्षा (प्रतिभा पर्व) एवं वार्षिक मूल्यांकन लिया जाएगा। इसमें प्रतिभा पर्व जनवरी से ली जाएगी, जो 20 अंकों का होगा। वहीं फरवरी में वार्षिक मूल्यांकन 50 अंक का और मार्च में वार्षिक मूल्यांकन 50 अंक का होगा। तीनों मूल्यांकन के आधार पर रिजल्ट तैयार होगा। मूल्यांकन के लिए बच्चों को वर्कशीट दी जाएगी। जिसे वे घर पर पूरा कर स्कूल में जमा करेंगे।
कक्षा पहली एवं दूसरी के बच्चों को शालाओं से ही अभ्यास पुस्तिका दी जाएगी, जिसके अंत में वर्कशीट होगी। इसमें हिंदी, अंग्रेजी एवं गणित विषय के प्रश्न होंगे। जबकि कक्षा तीसरी से आठवीं तक के बच्चों को दी जाने वाली वर्कशीट में कौशल आधारित प्रश्न और प्रोजेक्ट वर्क होगा। वर्कशीट में ही प्रश्नों के उत्तर और प्रोजेक्ट वर्क के आधार पर होगा। वर्कशीट में 60 प्रतिशत लिखित एवं 40 प्रतिशत अंक प्रोजेक्ट कार्य के आधार पर दिए जाएंगे। प्रोजेक्ट वर्क में छात्रों से कोई मॉडल नहीं बनवाया जाएगा। यह प्रोजेक्ट वर्क घर में उपलब्ध रोजमर्रा की सामग्री के आधार पर या घर के सदस्यों से पूछ कर पूरे किए जा सकेंगे।
वहीं, विद्यार्थियों का अर्धवार्षिक मूल्यांकन 20 से 30 जनवरी के मध्य एवं वार्षिक मूल्यांकन 15 से 28 फरवरी और 10 से 20 मार्च के बीच किया जाएगा। परीक्षाफल का निर्धारण अर्धवार्षिक एवं वार्षिक परीक्षा में प्राप्त अंकों के आधार पर किया जाएगा। ‘हमारा घर-हमारा विद्यालय’ अंतर्गत शिक्षक विद्यार्थियों के सह-शैक्षिक एवं व्यक्तिगत सामाजिक गुणों का मूल्यांकन कर ग्रेड का निर्धारण करेंगे।
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