मशीनें, लेबर जुटाने में लगेगा समय… ट्रैफिक डायवर्शन भी करना होगा
इंदौर। जनप्रतिनिधियों से क्लीयरेंस मिलने के बाद बीआरटीएस कॉरिडोर पर एमआर-9 चौराहे से नौलखा के बीच एलिवेटेड ब्रिज बनाने की तैयारी शुरू हो गई है। पीडब्ल्यूडी ब्रिज सेल ने दिशानिर्देशों के बाद एलिवेटेड ब्रिज बनाने का ठेका लेने वाली गुजरात की कंपनी को काम शुरू करने को कहा है। इसी के साथ कंपनी अब इंदौर में निर्माण मशीनरी, लेबर और अन्य संसाधन जुटाने की तैयारी कर रही है।
इससे पहले जनवरी के दूसरे पखवाड़े में ब्रिज का भूमिपूजन मुख्यमंत्री मोहन यादव के हाथों कराने की भी तैयारी है। सूत्रों ने बताया कि भूमिपूजन कार्यक्रम के बाद जनवरी अंत तक सॉइल और रॉक टेस्टिंग की प्रक्रिया शुरू हो सकती है। काम शुरू करने से पहले कंपनी से वर्कप्लान मांगा जाएगा और उसकी प्लानिंग समझी जाएगी। कंपनी को दो साल में 306 करोड़ रुपए में यह ब्रिज बनाना है। यह ठेका अहमदाबाद की राजकमल बिल्डर्स इन्फ्रास्ट्रक्चर्स प्रा.लि. कंपनी के पास है। एमआर-9 चौराहे के पास से नौलखा के बीच ब्रिज की लंबाई 6.60 किलोमीटर है, लेकिन उसकी तीनों भुजाओं की लंबाई जोड़ लें, तो ब्रिज की कुल लंबाई 7.40 किलोमीटर है।
अभी तय नहीं किस तरफ से शुरू होगा काम
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि अभी यह तय नहीं है कि एलिवेटेड ब्रिज का काम एमआर-9 चौराहा एंड से शुरू होगा या नौलखा तरफ से। वैसे ज्यादा उम्मीद एमआर-9 तरफ से काम शुरू होने की है। शुरुआती प्लानिंग के हिसाब से कंपनी को टुकड़ों-टुकड़ों में ट्रैफिक डायवर्ट कर बीआरटीएस की बस लेन में काम करने की अनुमति दी जाएगी, ताकि लोगों को बहुत तकलीफ न हो। काम के दौरान बीआरटीएस की बसों को भी बस लेन से बाहर करना पड़ सकता है।
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