- आज तक नहीं बन पाई अकादमी-खेल विभाग भी फाइल बंद किए हुए बैठा है-5 करोड़ रुपए हुए थे स्वीकृत
उज्जैन। उज्जैन में मल्लखंब अकादमी बनाने की घोषणा करीब 15 साल पहले हुई थी लेकिन यह आज तक धरातल पर नहीं पाई हैं। न तो खेल विभाग उसको लेकर गंभीरता दिखा रहा है ना ही सरकार।
उज्जैन में मल्लखंब के करीब 500 खिलाड़ी है जो नित्य प्रतिदिन अभ्यास कर रहे हैं और उनका एक ही सपना है कि वे उज्जैन मल्लखंब को देश और दुनिया में अलग पहचान दिलाएँगे लेकिन जरूरी सुविधाओं के अभाव में उन्हें काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा हैं और उनके मन में केवल एक ही सवाल हैं कि उज्जैन में मल्लखंब अकादमी का सपना कब पूरा होगा? उल्लेखनीय है कि प्रदेश में उज्जैन को मल्लखंब का गढ़ माना जाता है। 2000 के दशक में जब मल्लखंब को लोग भूलने लगे थे, शहर में केवल भागसीपुरा स्थित व्यायामशाला में मल्लखंब के कुछ खिलाड़ी प्रैक्टिस करते थे। व्यायामशाला पर ही प्रैक्टिस करने वाले खिलाड़ी योगेश मालवीय, आशीष मेहता, खेल विभाग के कोच मोहन बंबोरिया आदि ने इसे जारी रखा। इनकी प्रतिभा को ध्यान में रखते हुए वर्ष 2007-08 में मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने उज्जैन में मल्लखंब की राष्ट्रीय अकादमी खोलने की घोषणा की थी। तब उन्होंने इसके लिए एक करोड़ रुपए मंजूर किए थे। इसके लिए प्रशासन ने कानीपुरा क्षेत्र तराना रोड पर 1.703 हेक्टेयर जमीन का आवंटन भी कर दिया हैं, लेकिन उज्जैन में मल्लखंब अकादमी खुलने की राह अभी भी आसान होती दिखाई नहीं दे रही है। हैरानी की बात तो यह हैं कि खेल अकादमी के निर्माण के लिए शासन ने 5 करोड़ रु की राशि भी स्वीकृत कर दी है। बावजूद आज भी खेल अकादमी अस्तित्व में नहीं आ सकी है। इस पर न तो खेल विभाग के अधिकारी गंभीरता दिखा रहे है ना ही सरकार। मामले में जिला खेल अधिकारी ओपी हरोड़ ने बताया कि उक्त मल्लखंब खेल अकादमी के लिए पूर्व में 5 करोड़ रुपए की राशि मिली थी, जो आज नगर निगम के खेल कोष में हैं जमा। इसके लिए जमीन भी मिल चुकी हैं। जल्द ही शासन स्तर पर निर्णय लेकर खेल अकादमी को धरातल पर उतारा जाएगा। बता दें कि पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के अधोसंरचना योजना के तहत 5 करोड़ रुपए की राशि मल्लखंब अकादमी के लिए दी थी लेकिन स्थानीय खेल विभाग के अधिकारी और जनप्रतिनिधि इसकी प्रारंभिक कर्रवाई को आगे ही नहीं बढ़ा पाए हैं।