भोपाल। नगरीय निकाय चुनाव के बाद रविवार को प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में प्रदेश युवा कांग्रेस के प्रदेश पदाधिकारी और जिला अध्यक्षों की बैठक हंगामेदार रही। जिला अध्यक्षों ने निकाय चुनाव में कार्यकर्ताओं को टिकट नहीं मिलने पर नाराजगी जताते हुए कहा कि काम हम करते हैं पर जब टिकट का मौका आता है तो वह किसी और को मिल जाता है। प्रदेश अध्यक्ष डा.विक्रांत भूरिया ने सफाई देते हुए कहा कि मैंने हर मोर्चे पर आपके लिए लड़ाई लड़ी। कुछ टिकट भी मिले पर यह अपेक्षा के अनुरूप नहीं रहे। जब पदाधिकारियों का गुस्सा शांत नहीं हुआ तो उन्होंने कहा कि मैं इस्तीफा ही दे सकता हूं। कुछ लोग चाहते भी हैं कि मैं पद से इस्तीफा दे दूं।
बैठक में नगरीय निकाय चुनाव के परिणाम की समीक्षा के साथ वर्ष 2023 में होने वलो विधानसभा चुनाव की तैयारियों पर चर्चा होनी थी लेकिन अधिकांश समय शिकवा शिकायत में ही निकला। सूत्रों के अनुसार जिला अध्यक्ष इस बात से नाराज थे कि उन्हें जिला चयन समिति में शामिल तो किया गया पर कोई सुनवाई नहीं हुई। प्रदेश इकाई भी कार्यकर्ताओं को टिकट नहीं दिला पाई। जबकि, मैदानी स्तर पर काम करने की बारी आती है तो हमें ही आगे किया जाता है। इस पर प्रदेश अध्यक्ष डा.विक्रांत भूरिया ने कहा कि मैंने आपकी लड़ाई प्रदेश अध्यक्ष कमल नाथ और पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह से लड़ी। छिंदवाड़ा, रतलाम, सतना में हमारे कार्यकर्ताओं को टिकट मिला लेकिन इस बात को जिला पदाधिकारियों ने अस्वीकार कर दिया। उन्होंने कहा कि यह टिकट युवा कांग्रेस के हिस्से के नहीं हैं। सतना में विधायक सिद्धार्थ कुशवाहा को टिकट दिया तो रतलाम में मयंक जाट से स्वयं सक्षम दावेदार था। डा.भूरिया ने भोपाल के जिला अध्यक्ष नरेश यादव का उदाहरण देते हुए कहा कि मैंने हर संभव प्रयास किया। अब टिकट नहीं दिया तो मैं क्या कर सकता हूं। कई लोग चाहते हैं कि मैं पद से इस्तीफा दे दूं पर सच्चाई यही है कि हमने भरपूर प्रयास किए। अब हमें मिलकर आगे की तैयारी करनी है। प्रत्येक मतदान केंद्र पर पांच कार्यकर्ताओं की टीम बनाने के कायक्रम को गति देनी है। युवाओं को जोडऩे का अभियान भी चलाया जाएगा।