इंदौर । मध्यप्रदेश की शिवराज सरकार और बच्चों के मामा कोरोना महामारी में मां-बाप खो चुके अनाथ बच्चों के पालनहार बन गए हैं। जांच-पड़ताल के बाद शहर के 25 अनाथ बच्चों और उनके वैध संरक्षकों के संयुक्त बैंक खाते में 5-5 हजार की राशि डाल दी गई है। इसके अलावा खोज में 10 और नए बच्चे मिले हैं, जिनके दस्तावेजों की छानबीन की जा रही है।
महिला बाल विकास विभाग की टीम द्वारा पिछले माह से अनाथ बच्चों की खोज की जा रही है, जिसमें शहर के विभिन्न इलाकों में 25 ऐसे अनाथ बच्चे मिले हैं, जिनके सिर से महामारी में मां-बाप का साया उठ गया है। मुख्यमंत्री बाल कल्याण योजना अंतर्गत जिन बच्चों के सिर से मां-बाप का साया उठ गया है, उन्हें प्रतिमाह 5 हजार की सहायता दी जा रही है। अनाथ बच्चे मिलने के बाद उनसे माता-पिता का डेथ सर्टिफिकेट सहित अन्य दस्तावेज लिए जाते हैं, जिनकी जांच-पड़ताल के बाद ऑनलाइन कर दिया जाता है। इसके बाद इन बच्चों के वैध संरक्षक नियुक्त करने के लिए भी कई प्रक्रिया पूरी करने के बाद ही फाइनल की जाती है, ताकि कोई अपात्र इस योजना का लाभ नहीं ले सके। 25 बच्चों के अलावा 10 और नए अनाथ बच्चे मिले हैं, जिनमें ग्रामीण क्षेत्र मानपुर का एक बच्चा व बाणगंगा क्षेत्र के दो बच्चे सहित शहर के तीन और इलाकों के 7 बच्चे हैं। इन बच्चों से उनके मां-बाप का डेथ सर्टिफिकेट, आधार कार्ड, बैंक पासबुक सहित अन्य जानकारियां ले ली गई है। आज से जांच की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है। जांच पूरी होने के बाद फाइल कमेटी में भेजी जाएगी, जहां से हरी झंडी मिलने के बाद ऑनलाइन किया जाएगा।
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