उज्जैन। शहर में अधिक व्यवसायिक गतिविधियाँ नहीं है तथा फैक्टरी भी नहीं है जिससे कि कोई रासायनिक प्रदूषण फैले इसके बावजूद प्रदूषण बरकरार है। हालांकि यह खतरनाक स्तर पर नहीं है। शहर में बढ़ते वायु प्रदूषण का खतरा साफ नजर आने लगा है। गत वर्ष अक्टूबर के महीने में वायु प्रदूषण बढऩे लगा था और दीपावली तक यह स्तर 263 एक्यूआई तक पहुंच गया था। उम्मीद थी कि दीपावली के बाद यह घटेगा। 31 दिसंबर तक शहर में वायु प्रदूषण का स्तर 193 एक्यूआई मापा गया था। आज भी सुबह हवा में प्रदूषण का स्तर 194 एक्यूआई रहा। ऐसे में नए साल में भी शहर की हवा में सुधार के आसार कम नजर आ रहे हैं। इसके पीछे बड़ा कारण वाहनों का धुआँ है।
शहर में महाकाल लोक के शुभारंभ के बाद से बाहर से आने वाले वाहनों की तादाद उज्जैन में और बढ़ गई है। यही कारण है कि सुधार की बजाए शहर की हवा में प्रदूषण का स्तर अभी भी 200 एक्यूआई के करीब बना हुआ है। स्वास्थ्य के लिहाज से यह स्तर बेहद खतरनाक है, क्योंकि 50 एक्यूआई के ऊपर प्रदूषण स्तर को स्वास्थ्य के लिए हानिकारक माना जाता है।
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