नई दिल्ली। भारत (India) के प्राचीनतम इतिहास में वास्तु शास्त्र का बहुत अधिक योगदान है. इसकी उन्नति और श्रेष्ठता यहां के भवनों की भव्यता और उसमें हवा और प्रकाश(air and light) की सुविधा को देखकर समझा जा सकता है. वास्तुशास्त्र में घर के कोने कोने से जुड़ी हुई चीजों के बारे में विस्तृत रूप से बताया जाता है. छोटी-छोटी चीजों को ध्यान में रखकर हम अपने घर में खुशहाली(happiness) ला सकते हैं. साथ ही साथ घर की कंगाली भी दूर कर सकते हैं. जिस घर में कलह का वातावरण रहता है, उसके लिए आवश्यक है कि वह अपने घर के वास्तु को एक बार देखे, अगर कोई कमी दिखाई देती है तो उसे दूर करने का प्रयास करें.
क्यों रखते हैं लोग जिंदा मछलियां या धातु की मछलियां लोग अपने घर में या अपने ऑफिस में एक्वेरियम में मछलियां (fish) रखते हैं. इससे उनके घर की शोभा बढ़ जाती है, साथ ही साथ ऐसी मान्यता है कि भगवान विष्णु के मत्स्य अवतार में होने के कारण घर में मछलियां रखने पर भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त होती है.और घर में खुशहाली आती है. जिस घर में मछली रहती है उस घर में बीमारियां नहीं रहती. नकारात्मक ऊर्जा का नाश हो जाता है, और घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है. मछलियों की चपलता देखकर मन प्रसन्न हो जाता है, जिसके कारण लोगों को मानसिक तनाव से मुक्ति मिल जाती है. ऐसा भी कहा जाता है कि मछलिया हमें कर्जदार होने से बचाती हैं. घर या ऑफिस के पूर्व, उत्तर या उत्तर-पूर्व की दिशा में फिश एक्वेरियम रखने पर धन संपदा में वृद्धि होती है. मछलियां सौभाग्य का सूचक है. इसलिए जो लोग जिंदा मछलिया नहीं पालना चाहते, वह धातु की मछलियां लाकर वास्तु के अनुसार अपने घर पर रखते हैं, जिससे उनके घर में संपन्नता बढ़ती है.Disclaimer: उपरोक्त दी जानकारी व सुझाव सिर्फ सामान्य सूचनाओं पर आधारित है. हम इसकी सत्यता या जांच का दावा नही करते हैं. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.