इंदौर, प्रदीप मिश्रा। आखिरकार कलेक्टर (Collector) की सजगता व तत्परता के चलते प्राइम लोकेशन (Prime Location) वाली करोड़ों रुपए की उद्योग विभाग (Industries Department) की सरकारी जमीन (Government Land) से जिला प्रशासन (District Administration) ने न केवल कब्जा हटाया, बल्कि उद्योग विभाग से छीनकर उसे नगर निगम को सौंप दिया। जिला उद्योग व्यापार केंद्र की लापरवाही के चलते 21 साल से बक्षीबाग स्थित करोड़ों रुपए की यह जमीन न केवल लावारिस पड़ी थी, बल्कि उस पर कई अवैध कब्जे हो गए थे।
अग्निबाण द्वारा कलेक्टर मनीषसिंह (Collector Manish Singh) को इस मामले की जानकारी दिए जाने पर उन्होंने एसडीएम (SDM) को 48 घंटे में जांच कर तुरंत वैधानिक कार्रवाई करने के आदेश दिए थे। इस पर राजस्व विभाग (Revenue Department) के अधिकारियों व संबंधित पटवारी को मौके पर मुआयना व नपती करने के लिए भेजकर जांच करवाई तो मौके पर जमीन की प्राइम लोकेशन व शहर के व्यस्ततम गहन बसाहट वाले इलाके में सवा हेक्टेयर क्षेत्रफल वाली सरकारी जमीन पर कब्जे पाए गए। इसके बाद जिला प्रशासन (District Administration) ने निगम प्रशासन के साथ मिलकर युद्धस्तर पर कार्रवाई करते हुए रकबा व खसरे के रिकॉर्ड के अनुसार जमीन को अपने कब्जे में लेकर सुरक्षा के लिए तार फेंसिंग करवाने व सिक्योरिटी गार्ड की तैनाती का काम शुरू कर दिया है।
21 साल पहले संभागीय कार्यालय था
सदर बाजार (Sadar Bazar) थाना क्षेत्र में 60, बक्षीबाग के एक हेक्टेयर से ज्यादा परिसर में लगभग 21 साल पहले 1999 तक जिला उद्योग व्यापार केंद्र का संभागीय कार्यालय संचालित होता था। लेकिन दिग्विजयसिंह की सरकार के दौरान सभी संभागीय कार्यालय बंद करवा दिए गए थे। तब से ही जहां इस कार्यालय में ताला जड़ा पड़ा था, वहीं एक हेक्टेयर से ज्यादा बड़े परिसर की बेशकीमती जमीन लावारिस पड़ी रही ।
सालों से लावारिस ,बेशकीमती सरकारी जमीन पर अवैध कब्जे की मीडिया से जानकारी मिलते ही एसडीएम पराग जैन (SDM Parag Jain) को 48 घंटे में जांच कर इस मामले में उचित कार्रवाई करने के आदेश दे दिए थे।
मनीषसिंह ,कलेक्टर, जिला प्रशासन, इंदौर
नगर निगम को आवंटित कर रहे हंै
कलेक्टर (Collector) का आदेश मिलते ही राजस्व विभाग के आरआई व पटवारी को मौके पर मुआयना करने भेजा गया। इस दौरान नगर निगम के इंजीनियर भी मौजूद थे।नपती में 1.26 हेक्टेयर जमीन पाई गई। इस जमीन पर जिला उद्योग व्यापार केंद्र का कब्जा है, मगर सालों से इसका कोई उपयोग नहीं हो रहा था। इस वजह से जिला प्रशासन यह जमीन नगर निगम को आवंटित करने जा रहा है।
पराग जैन, एसडीएम, जिला प्रशासन, इंदौर
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