इंदौर। दूध, दही, पनीर, ड्रायफूड, दालें, बेकरी आइटम जैसे खाद्य पदार्थों के रखरखाव में लापरवाही और अमानक स्तर के प्रोडक्ट का इस्तेमाल करने के खिलाफ जिला प्रशासन ने जनवरी से लेकर अब तक सैकड़ों प्रकरण दर्ज किए हैं। वहीं 2021 से अब तक दर्ज प्रकरणों में भी संज्ञान लिया गया है। पेनल्टी के बावजूद राशि जमा नहीं कर रहे 15 खाद्य संस्थानों के लाइसेंस निरस्त कर दिए गए हैं। खाद्य सुरक्षा अधिनियम को लेकर जिला प्रशासन सख्त हो गया है। अपर कलेक्टर गौरव बैनल ने प्रशासन के निर्देश पर संस्थानों पर सख्ती बरतना शुरू कर दी है। फूड सेफ्टी को लेकर की गई सैकड़ों कार्रवाई पर संज्ञान लेते हुए नोटिस भेजना शुरू कर दिया गया है।
2021 से लेकर अब तक 115 प्रकरण बनाए गए हैं, जिनमें 62 लाख तक की राशि वसूली जा चुकी है। नोटिस के बावजूद कई संस्थान पेनल्टी जमा नहीं कर रहे हैं, जिन पर लाइसेंस निरस्ती की कार्रवाई की गई है। एडीएम बैनल के अनुसार जनवरी से अब तक प्रशासन ने 15 खाद्य संस्थानों के लाइसेंस निरस्त किए हैं, वहीं ऐसे खाद्य संस्थानों की सूची भी तैयार कर ली है, जो बाज नहीं आ रहे हैं। जल्द ही इन पर भी लाइसेंस निरस्ती की कार्रवाई की जाएगी। हालांकि जल्द प्रकरणों पर सुनवाई का मौका भी दिया गया है। ज्ञात हो कि लंबे समय से सैंपल अमानक घोषित हो जाने के बावजूद व्यावसायिक प्रतिष्ठान पेनल्टी नहीं भर रहे थे।
29 जुलाई से 3 अगस्त तक आयोजित होगी विशेष लोक अदालत
इंदौर। आगामी 29 जुलाई से 3 अगस्त तक उच्चतम न्यायालय में विशेष लोक अदालत का आयोजन किया जा रहा है। इस विशेष लोक अदालत की सफलता हेतु पक्षकारों को जिला विधिक सेवा प्राधिकरण इंदौर में 12 जून से 04 जुलाई तक व्यक्तिगत/वर्चुअल माध्यम से प्री-सीटिंग आयोजित कर चर्चा की जा रही है। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण इंदौर के सचिव ने बताया कि जिन पक्षकारों द्वारा प्रकरण में सहमति दी जा रही है, उनके प्रकरणों की उच्चतम न्यायालय नई दिल्ली में आयोजित हो रही लोक अदालत में सुनवाई की जाएगी।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved