इंदौर। रंगपंचमी के अवसर पर पानी एवं रंग-गुलाल की बौछारों से बचने, फॉल्ट, करंट जैसी घटना को रोकने के लिए गेर और फाग यात्रा मार्ग एवं आसपास के तकरीबन 30,000 उपभोक्ताओं को सुबह 9 से अंधेरे का सामना करना पड़ा। शाम 4 बजे के बाद बिजली सप्लाई अलग-अलग हिस्से में शुरू हुआ। 5.30 बजे के बाद पूरी तरह बिजली व्यवस्था सुचारु हो पाई। ज्यादातर लोगों को यह समझ नहीं आया कि बिजली बंद क्यों की गई। रंगपंचमी पर फाग और गेर यात्राओं के बीच शहरवासी भी खूब रंगारंग होकर निकले।
मस्ती में झूमते लोग कपड़े, पॉलिथीन और अन्य सामग्री हवा में उछालते रहे, जो बिजली के तार व ट्रांसफार्मर पर लटकी देखी गई। वह तो बिजली कंपनी ने पहले से सुरक्षा व्यवस्था को देखते हुए मध्य क्षेत्र बड़ा गणपति, राजमोहल्ला, टोरी कॉर्नर, खजूरी बाजार, राजबाड़ा, कृष्णपुरा छत्री आदि से जुड़े समीपस्थ क्षेत्र में बत्ती गुल कर दी थी, ताकि अनावश्यक फॉल्ट या पानी की बौछारों से करंट की स्थिति न बने। कार्यपालन यंत्री सुनीलसिंह, योगेश अठनेरे ने बताया कि बिजली विभाग का अमला पूरी तरह सतर्क रहा। तकरीबन 70 से ज्यादा लाइन स्टाफ, लाइनमैन, बिजली कर्मचारी और इंजीनियर पूरे समय गेर मार्ग पर तैनात रहे। शाम 4 बजे के बाद बड़ा गणपति, टोरी कॉर्नर की विद्युत व्यवस्था को दुरुस्त किया गया। पहले पेट्रोलिंग कर बिजली लाइन को चेक करने के बाद ही सप्लाई शुरू किया।
सुभाष चौक पर अस्थायी कंट्रोल रूम बनाया गया। यहां पर झोन इंजीनियर भास्कर घोष अपने अमले के साथ मौजूद थे। मध्य क्षेत्र में रहने वाले लोग कल दिनभर यह सोचकर अचंभित थे कि बिजली क्यों बंद है। दिनभर लोग बिजली आने का इंतजार करते रहे। शाम को बिजली सप्लाई शुरू होने पर लोगों ने राहत की सांस ली।
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