जबलपुर। गोरखपुर थाने सिन्टू दास उर्फ श्यामपदा दास उम्र 25 वर्ष निवासी ग्राम बडगेछिया थाना कोलघाट पुर्वा मेदनापुर पश्चिम बंगाल ने रिपोर्ट दर्ज कराई कि वह जिला जबलपुर कोतवाली में मन्नूलाल अस्पताल के सामने लगभग 10 वर्ष से किराये से रहता है। तथा अमीर चंद का बाड़ा स्थित सुभाष जाधव की दुकान मे सोना चांदी के आभूषण बनाता है और बेचने का काम करता है। दीपक सोनी के माध्यम से उसकी जान पहचान शिवजी मिश्रा से लगभग 20-25 दिन पहले हुई थी, जिसने उससे आभूषण बनाने की बात किया था। शिवजी मिश्रा ने बोला था कि आप हमे सोने के आभूषण बना कर दे दो, मै तुरंत पैसे दे दूंगा। उसने करीबन 10 दिन पहले शिवजी मिश्रा को लगभग 97 ग्राम वजनी सोने के आभूषण बनाकर दे दिये थे। तब शिवजी मिश्रा ने उसेे 4 लाख 50 हजार रुपये नगद दे दिया था ,उसने शिवजी मिश्रा को सोने के आभूषणो की कच्ची रसीद बना कर दी थी। यह आभूषण जो उसने 10 दिन पहले बनाकर शिवजी मिश्रा को दिया था। वह सोना लगभग एक महीना पहले उसने अपने मामा गोपाल सदन के पास कोतवाली जबलपुर में रहने वाले बप्पी साहू से लगभग 85 ग्राम सोना जिसमे 12 नग सोने के छोटे पेंडल और लगभग 20 जोडी कान के टाप्स को उधार लिया था, जिसकी रसीद मामा ने नही दी थी और होली के बाद वह अपनी मंा का जेवर सोने के दो नग कंगन एवं एक सोने की चैन, एक सोने की अंगूठी कुल वजनी लगभग 45 ग्राम गांव से लेकर आया था । कुल मिलाकर उसने उक्त 12 नग पैडल एव 20 जोड़ी कान के टाप्स एवं खुद के बनाये हुए 02 नग सोने के पैडल शिवजी मिश्रा को दिया था, शिव जी मिश्रा ने मुझे 4 लाख 50 हजार रुपये नगद दिया था। उक्त पैसा उसने अपने मामा बप्पी साहू को नहीं दिया था। उसी पैसे से उसने पोद्दार ज्वैलर्स से उसी दिन लगभग 85 ग्राम सोना खरीदा था, जिसकी कच्ची रसीद पोद्दार ज्वैलर्स ने उसे दी थी।
बालकनी कूदकर हुआ फरार
पीडि़त ने बताया कि उसने मां का जेवर मिलाकर फिर से सोने के 13 नग पैंडल कुल वजनी लगभग 203 ग्राम के बनाकर दुकान से अपने साथी कारीगर आलोक पाल के साथ शिवजी मिश्रा को देने अवतार कापलेक्स में हिमांशू अग्रवाल के फ्लैट नंम्बर 4 में गत दिवस रविवार को दोपहर लगभग 1-30 बजे गया था, उसने शिवजी मिश्रा के निवास पर जाकर हाल में बैठकर 13 नग सोने के पैंडल कीमती लगभग 10 लाख रुपये के अपने साथी कारीगर आलोक पाल के सामने मय कच्ची रसीद के दियेद्ध शिव जी मिश्रा बोला कि अंदर वाले कमरे से पैसे लेकर आता हूँ, लगभग 3-4 मिनट तक जब शिवजी मिश्रा पैसे लेकर वापस नही आया तो उसने अपने साथी आलोक पाल के साथ कमरे मे जाकर देखा तो शिवजी मिश्रा वहां नही था बालकनी के पीछे वाले रास्ते से भाग गया था। शिवजी मिश्रा का उसने पता किया जो नही मिला , उसने शिव जी मिश्रा के मोबाईल नंबरों पर काल किया लेकिन शिवजी मिश्रा ने फोन रिसीव नहीं किया। शिवजी मिश्रा ने धोखा देकर उससे सोने के आभूषण बनवाये और बिना पैसा दिये आभूषण लेकर भाग गया है। पुलिस आरोपी शिवजी मिश्रा की तलाश जारी है।
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