नई दिल्ली: अमेरिका (America) में राष्ट्रपति चुनाव हो गया. डोनाल्ड ट्रंप ने कमला हैरिस को हरा दिया. अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप की शानदार जीत में एलन मस्क (Elon Musk) ने अहम भूमिका निभाई. अब टेस्ला के सीईओ और एक्स के मालिक एलन मस्क ने कनाडा के आम चुनाव और जस्टिन ट्रूडो (Justin Trudeau) की किस्मत की भविष्यवाणी की है. एलन मस्क की मानें तो कनाडा के आगामी चुनाव (Election) में जस्टिन ट्रूडो की हार तय है. एलन मस्क का कहना है कि अगले साल होने वाले आम चुनावों में कनाडा में जस्टिन ट्रूडो की सरकार गिर जाएगी. कनाडा का संघीय चुनाव अगले साल 20 अक्टूबर या उससे पहले होने की उम्मीद है.
दरअसल, एक यूजर ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर गुरुवार को एलन मस्क से कहा, ‘हमें जस्टिन ट्रूडो से छुटकारा पाने के लिए कनाडा में आपकी मदद की ज़रूरत है.’ इस पोस्ट का जवाब देते हुए मस्क ने कहा, ‘वह आगामी चुनाव में चले (हार) जाएंगे.’ वह एक पोस्ट पर प्रतिक्रिया दे रहे थे, जिसमें कहा गया था कि जर्मनी की ‘समाजवादी सरकार’ गिर गई है और अब अचानक चुनाव की बातचीत हो रही है. टेस्ला के सीईओ ने लिखा, ‘ओलाफ इस्ट आइन नार,” जिसका अनुवाद है ओलाफ (जर्मन चांसलर ओलाफ शोल्ज) एक मूर्ख है.’
दरअसल, एलन मस्क की यह भविष्यवाणी इसलिए भी अहम है, क्योंकि उन्होंने ट्रंप की जीत सुनिश्चित करने के लिए दिन-रात एक कर दिया था. डोनाल्ड ट्रंप अगर कमला हैरिस को हराकर व्हाइट हाउस की सत्ता में आए हैं तो इसके पीछे एलन मस्क का बड़ा हाथ है. उन्होंने न केवल खुलकर डोनाल्ड ट्रंप का समर्थन किया, बल्कि जमकर प्रचार भी किया. ऐसे में ट्रूडो की हार की भविष्यवाणी कर एलन मस्क ने ग्लोबल रूप से खलबली मचा दी है.
अभी जस्टिन ट्रूडो का मुश्किल वक्त चल रहा है. साल 2013 से ही लिबरल पार्टी का नेतृत्व कर रहे जस्टिन ट्रूडो कनाडा में अल्पमत की सरकार चला रहे हैं. संसद की 338 सीटों में से उनकी पार्टी के पास फिलहाल 153 सीटें हैं. आगामी चुनाव में कनाडा के पीएम को मुख्य रूप से कंजर्वेटिव पार्टी (पियरे पॉलीवर के नेतृत्व में) और न्यू डेमोक्रेटिक पार्टी (जगमीत सिंह के नेतृत्व में) से त्रिकोणीय मुकाबले का सामना करना पड़ेगा.
यह चुनाव जस्टिन ट्रूडो के लिए एक बड़ी परीक्षा होगी, जो 2013 से लिबरल पार्टी का नेतृत्व कर रहे हैं. एलन मस्क की टिप्पणी संभवतः जस्टिन ट्रूडो की वर्तमान अल्पमत सरकार की स्थिति से उपजी है, जो उन्हें सत्ता खोने के प्रति अधिक संवेदनशील बनाती है. जस्टिन ट्रूडो पर दबाव लगातार बढ़ता जा रहा है, खासकर जब उनके विरोधियों के आगामी चुनाव जीतने का अनुमान है. चुनावों में कंजर्वेटिव से पीछे चल रहे ट्रूडो पर अपनी ही पार्टी के अंदर से दबाव बढ़ता जा रहा है. पिछले महीने कम से कम 24 सांसदों ने ट्रूडो के लिए इस साल 28 अक्टूबर तक इस्तीफा देने की समय सीमा तय कर दी थी. उन्होंने इसके पीछे ट्रूडो के नेतृत्व और पार्टी के खराब चुनावी प्रदर्शन से असंतोष का हवाला दिया था.
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