जोधपुर । भारत पाक संबंधों में आई खटास के बाद दोनों देशों को जोड़ने वाली थार एक्सप्रेस लंबे समय से बंद है। पाक स्थित हिंगलाज माता मंदिर में भारत से प्रतिवर्ष हजारों श्रद्धालु नवरात्र पर दर्शन को जाते थे लेकिन थार एक्सप्रेस बंद होने और कोरोना संक्रमण के चलते श्रद्धालुओं की आस्था को आघात लगा है। हिंगलाज माता के दर्शन दुर्लभ हो गए हैं।
उल्लेखनीय है कि विभाजन से पहले भी पूरे भारत से हजारों संन्यासी, भक्तगण हिंगलाज माता के दर्शन करने पाकिस्तान के बलूचिस्तान जाते थे। वर्ष 2006 में थार एक्सप्रेस शुरू होने के बाद राजस्थान, गुजरात, मध्य प्रदेश सहित अन्य राज्यों से हजारों लोग वीजा लेकर हिंगलाज माता के दर्शन करने जाने लगे। प्रतिवर्ष नवरात्र के अवसर पर श्रद्धालु पर्यटक वीजा लेकर हिंगलाज माता के दर्शन को पहुंचते थे लेकिन भारत-पाक के रिश्ते बिगड़ने पर थार एक्सप्रेस बंद हो गई और इस बार कोविड-19 के चलते भी सभी धर्मस्थल बन्द होने से कई भक्तों को बलूचिस्तान स्थित हिंगलाज माता के दर्शन करने की इच्छा अधूरी ही रह गई।
सदियों से आस्था का केंद्र रहा हिंगलाज माता मंदिर
पाकिस्तान में आया हिंगलाज माता का मंदिर सदियों से आस्था का केंद्र रहा है। बलूचिस्तान प्रान्त के हिंगलाज में हिंगोल नदी के तट पर स्थित यह एक हिन्दू मंदिर है। यह हिन्दू देवी सती को समर्पित 51 शक्तिपीठों में से एक है। यहां इस देवी को हिंगलाज देवी या हिंगुला देवी भी कहते हैं। इस मंदिर को नानी मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। यह पाकिस्तान के कई हिंदू समुदायों के बीच आस्था का केन्द्र है। हिंदुस्तान में भी हिंगलाज माता के लाखों अनुयायी हैं।
माता दर्शन के लिए थार बनी थी सहारा
भारत और पाकिस्तान के बीच चलने वाली थार एक्सप्रेस भारत में रह रहे हिंगलाज माता के भक्तों के लिए सरल और सुगम साधन बनी थी। यही वजह है कि नवरात्र में शक्तिपीठ के दर्शन करने के लिए इसी ट्रेन से आना-जाना होता था। लेकिन इस साल भी थार एक्सप्रेस बंद है। ऐसे में भक्त शारदीय नवरात्र में हिंगलाज शक्तिपीठ नहीं जा पाए, जिसका उन्हें बहुत मलाल है।
अखंड ज्योति का उठा रहे लाभ
सूत्रों के मुताबिक पाक से हिंगलाज माता की अखंड ज्योति बाड़मेर से लाई गई थी। अब लोग अपनी आस्था प्रकट करने के लिए इस ज्योति का ही दर्शन कर लाभ उठा पा रहे हैं। यह ज्योति आज भी बाड़मेर में प्रज्जवलित है।
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