नई दिल्ली। ऐसा लग रहा है की दुनिया के कई देश चीन से बदला लेने पर उतर आए है। जहा भारत सैन्य और अर्थव्यवस्था दोनों ही तौर पर अपना रुख साफ़ कर रहा है, वही अमेरिका, जापान, ताइवान के बाद अब थाइलैंड ने घोषणा की है कि वह कैरा नहर परियोजना को रहा है। इसे बीजिंग स्ट्रेट ऑफ मलाक्का को बायपास करने के लिए बनाना चाहता था। भारतीय नौसेना ने लद्दाख में गालवान घाटी में संघर्ष के बाद, स्ट्रेट ऑफ मलाक्का के साथ अपने जहाजों को तैनात किया था। भारत के साथ गतिरोध के बीच चीन के लिए यह दोहरा झटका है। अगर यह 120 किलोमीटर लम्बी कैनाल बन जाती तो चीनी नौसेना दक्षिण चीनी सागर और हिंद महासागर में अपने ठिकानों के बीच स्वतंत्र रूप से और तेज़ी से आगे बढ़ सकती थी।
थाई सरकार ने अपनी कट्टर प्रतिद्वंद्वी फीयू थाई पार्टी और जनता के गहन दबाव के बाद चीन से 724 मिलियन अमरीकी डालर में दो पनडुब्बियों लेने की डील को आगे बड़ा दिया है।
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