नई दिल्ली । थाईलैंड (Thailand) के एक बौद्ध मठ (Buddhist Monastery) से 73 शवों (dead bodies) की बरामदगी ने पूरी दुनिया को चौंका दिया है। मठ के भीतर इतने बड़े पैमाने पर शवों की मौजूदगी को लेकर सोशल मीडिया में हलचल मच गई है। पुलिस ने इस मामले की जांच शुरू कर दी है। इस मामले के सामने आने के बाद बौद्ध धर्मगुरुओं द्वारा शवों के इस्तेमाल और उनके उद्देश्यों पर सवाल उठ रहे हैं।
थाईलैंड के फिचिट प्रांत के थिफाकसांग पा सांगनायाथाम मठ से 22 नवंबर को पुलिस ने 41 शव बरामद किए। इस मठ में आध्यात्मिक अभ्यास के लिए इन शवों का इस्तेमाल किया जा रहा था। 1,600 वर्ग मीटर में फैला यह मठ घने जंगलों के बीच स्थित है। यहां न केवल शवों, बल्कि 600 से अधिक मगरमच्छों की भी मौजूदगी ने पुलिस को चौंका दिया। मठ के भीतर एक बड़े तालाब में मगरमच्छों को रखा गया था, जिन्हें दर्शक मठ में आकर देख सकते थे। 26 नवंबर को एक अन्य मठ, बांग मुन नाके से 32 और शव बरामद किए गए। पुलिस का कहना है कि इन शवों को कफिन में बंद रखा गया था।
मठ के प्रमुख भिक्षु फ्रा आजान साई फॉन पंडितो ने दावा किया है कि इन शवों का उपयोग बौद्ध भिक्षुओं को “मृत्यु का भय” दूर करने के प्रशिक्षण के लिए किया जाता था। उनका कहना है कि भिक्षु इन शवों को देखकर ध्यान करते थे ताकि वे मृत्यु के विचार को स्वीकार कर सकें। यह पद्धति उनकी व्यक्तिगत खोज का हिस्सा थी, जिसका उद्देश्य भिक्षुओं की मानसिक स्थिरता और अनुशासन को बढ़ाना था।
पुलिस ने मठ की सभी गतिविधियां बंद कर दी हैं और शवों को जब्त कर लिया है। अधिकारियों का कहना है कि इन शवों की पहचान और उनकी उत्पत्ति की जांच की जा रही है। मठ के भिक्षुओं ने दावा किया है कि ये शव उनके परिवारों और पुराने भिक्षुओं के हैं, जो मृत्यु के बाद मठ में ही रहने की इच्छा रखते थे। उन्होंने पुलिस को मृतकों के प्रमाण पत्र भी दिखाए हैं, लेकिन इन दावों की जांच अभी जारी है। मठ में शवों की उपस्थिति और मगरमच्छों को रखने का कारण अब भी रहस्य बना हुआ है। स्थानीय निवासियों का कहना है कि मठ को स्थापित करने के बाद इसे भारी मात्रा में दान और संपत्ति प्राप्त हुई, जिसके कारण यह क्षेत्रीय आकर्षण बन गया।
©2025 Agnibaan , All Rights Reserved